- दिल्ली ब्लास्ट मामले में जैश-ए-मोहम्मद फिदायीन दस्ते की तैयारी के लिए डिजिटल हवाला फंडिंग कर रहा है.
- जैश पाकिस्तान के डिजिटल ऐप्स जैसे साडापे के माध्यम से फंड इकट्ठा कर आतंकियों तक पैसे तेज़ी से पहुंचा रहा है.
- फिदायीनों के लिए विंटर किट की कीमत लगभग बीस हजार पाकिस्तानी रुपये है, जिसमें जूते, गद्दा, वार्म टेंट शामिल हैं
दिल्ली ब्लास्ट के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं. बता दें कि डिजिटल हवाला फंडिंग से खुलासा हुआ है कि जैश फिदायीन दस्ता तैयार करने में जुटा है. सुरक्षा एजेंसियों को इससे जुड़े सुराग मिले हैं. सूत्रों के मुताबिक- जैश-ए-मोहम्मद भारत के खिलाफ फिदायीन दस्ता तैयार करने के लिए तेजी से फंड इकट्ठा कर रहा है. जांच के दौरान एजेंसियों को डिजिटल हवाला से जुड़े सबूत हाथ लगे हैं. जैश पाकिस्तान के डिजिटल ऐप ‘Sadapay' जैसे ई-वॉलेट्स के जरिए डोनेशन ले रहा है. इसका मकसद डिजिटल हवाला को आसान बनाना और आतंकियों तक फंड तेजी से पहुंचाना है. एजेंसियां अब इस डिजिटल फंडिंग नेटवर्क और महिलाओं को जोड़ने की साजिश की गहराई से जांच कर रही है.

इसमें लिखा है कि जो इंसान मुजाहिद के लिए विंटर किट देगा वो जिहाद के लिए लड़ाका माना जाएगा,जो जिहादी के मरने के बाद उसके परिवार को ध्यान रखेगा वो भी जिहादी माना जाएगा. एक जिहादी के लिए इस विंटर किट की कीमत 20000 पाकिस्तानी करेंसी बताई गई है, जिसमें शामिल हैं:-
- 3500 के जूते
- 500 की वार्म बॉल
- 5500 का गद्दा
- 1500 का वार्म टेंट
- 500 की गर्म जुराब
- 2000 हॉट वीसल
व अन्य समान... इस किट की पेमेंट जैश-ए-मोहम्मद ऑनलाइन ले रहा है.
अलफलाह यूनिवर्सिटी का संस्थापक ईडी की रिमांड पर
दिल्ली ब्लास्ट मामले में अपडेट की बात करें तो अल फलाह यूनिवर्सिटी के संस्थापक जावेद सिद्दीकी को 3 दिन की ED रिमांड पर भेजा गया है. उसके यहां छापेमारी में 48 लाख रुपये कैश बरामद हुआ है. बीती रात जावेद को साकेत कोर्ट में पेश किया गया था और अब वह 1 दिसबंर तक ईडी की हिरासत में रहेगा.
जम्मू-कश्मीर में कोट भलवाल जेल में छापेमारी
वहीं आज के अपडेट की बात करें तो आज जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर इंटेलिजेंस शाखा ने उच्च सुरक्षा मानकों वाली कोट भलवाल जेल में छापेमारी की. बता दें कि केंद्रीय जेल में छापे मारे जा रहे हैं, जिनमें कट्टर पाकिस्तानी और स्थानीय आतंकवादियों के अलावा कुख्यात अपराधी भी बंद हैं. ये छापेमारी एक ऐसे अभियान का हिस्सा है जिसका उद्देश्य कथित तौर पर जेल के अंदर चल रहे आतंकी नेटवर्क का खुलासा करना है. बता दें कि दिल्ली में 10 नवंबर को लालकिला में कार में हुए विस्फोट और कुछ डॉक्टरों के आतंकी नेटवर्क के खुलासे की पृष्ठभूमि में कोट भलवाल जेल में छापे मारे गए हैं.
(इनपुट भाषा से भी)
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