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दिल्ली में सांस लेना मुश्किल, AQI 400 पार, एम्स के डॉक्टर बोले- ये पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी

बुधवार सुबह दिल्ली का AQI 400 पार दर्ज किया गया, जो 'सीवियर' श्रेणी में आता है. यह स्तर न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि हृदय रोग और ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में भी तेजी से इजाफा कर रहा है.

दिल्ली में सांस लेना मुश्किल, AQI 400 पार, एम्स के डॉक्टर बोले- ये पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी
  • दिल्ली में बुधवार सुबह हवा की गुणवत्ता सूचकांक 400 से ऊपर पहुंच गया है, जो बेहद गंभीर प्रदूषण को दर्शाता है.
  • ग्रेटर नोएडा का AQI 450 दर्ज किया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है.
  • लगभग पूरा शहर रेड जोन में है, कुछ इलाकों में तो हाल और भी बिगड़ा हुआ है.
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राजधानी दिल्ली में सुबह के समय शहर की हवा इतनी प्रदूषित हो चुकी है कि सांस लेना मुश्किल हो गया है. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, बुधवार सुबह दिल्ली का AQI 400 पार दर्ज किया गया, जो 'सीवियर' श्रेणी में आता है. यह स्तर न केवल फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि हृदय रोग और ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में भी तेजी से इजाफा कर रहा है. शहर पर धुंध का काला परदा तना हुआ है, जिससे विजिबिलिटी घटकर कुछ सौ मीटर रह गई है.

भारत के TOP 10 सबसे प्रदूषित शहर

सर्दियों का मौसम आते ही उत्तर भारत में हवा फिर से जहरीली हो गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 19 नवंबर सुबह 4:45 बजे के समय भारत के TOP 10 सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश और हरियाणा के शहर टॉप पर हैं. ग्रेटर नोएडा का AQI 452 तक पहुंच गया है, जो 'सीवियर' श्रेणी में आता है. यह स्तर न केवल सांस लेना मुश्किल बना रहा है, बल्कि हृदय रोग, अस्थमा और फेफड़ों की बीमारियों को बढ़ावा दे रहा है. वहीं दिल्ली का AQI भी 400 पार है जो बहुत गंभीर श्रेणी में है. इसके अलावा NCR के अन्य शहरों की स्थिति इससे भी बदतर है.

कितना AQI माना जाता है खतरनाक?

AQI बताता है कि हवा कितनी साफ या प्रदूषित है. जब AQI 0 से 50 के बीच होता है, तब हवा अच्छी मानी जाती है और सेहत पर कोई असर नहीं होता. 51 से 100 के बीच हवा संतोषजनक होती है, जिससे बहुत संवेदनशील लोगों को थोड़ा सांस लेने में परेशानी हो सकती है. 101 से 200 के बीच हवा मध्यम होती है, जो फेफड़ों, अस्थमा या हृदय की बीमारी वाले लोगों को दिक्कत दे सकती है. 201 से 300 तक की हवा खराब होती है और लंबे समय तक इसमें रहने से अधिकतर लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है. 301 से 400 के बीच हवा बहुत खराब होती है, जिससे लोगों को सांस की बीमारियां हो सकती हैं. 401 से 500 तक AQI होने पर हवा बहुत ज्यादा प्रदूषित होती है, जो स्वस्थ लोगों को भी नुकसान पहुंचाती है और बीमार लोगों की हालत और बिगाड़ सकती है.

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दिल्ली में पराली जलाने का कितना असर

बीते रविवार सैटेलाइट से लिए गए चित्रों के अनुसार पंजाब में 95, हरियाणा में 47 और उत्तर प्रदेश में 461 खेतों में आग लगने की घटनाओं का पता चला. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के अनुसार, शहर का एक्यूआई अगले छह दिनों तक 'बहुत खराब' श्रेणी में रहने की संभावना है.

पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की तरह देखा जाए- AIIMS के डॉक्टर 

दिल्ली के वायु प्रदूषण पर AIIMS के पल्मोनरी मेडिसिन और स्लीप डिसऑर्डर विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनंत मोहन ने कहा, 'यहां का प्रदूषण बेहद गंभीर और जानलेवा है. यह स्थिति पिछले दस सालों से बनी हुई है. हम हर बार कुछ न कुछ करने की कोशिश करते हैं, लेकिन हकीकत में, ज़मीनी स्तर पर, मुझे ज़्यादा बदलाव नजर नहीं आता.. जिम्मेदार एजेंसियों को समय के साथ कड़े कदम उठाने चाहिए. सिर्फ़ श्वसन तंत्र ही नहीं, यह अब अन्य अंगों को भी प्रभावित कर रहा है. कई लोग जानलेवा स्थितियों का सामना कर रहे हैं. इमरजेंसी केस में बढ़ोतरी हुई है. कई लोगों को वेंटिलेटर पर भी रखना पड़ा है. इसे एक पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की तरह देखा जाना चाहिए.'

जहीरीली हवा से बचने के लिए आप क्या करें? 

N95 मास्क पहनें

सुबह-शाम खुले में वॉक/जॉगिंग से बचें

खिड़कियां बंद रखें, घर में वेंटिलेशन फ़िल्टर का इस्तेमाल करें

खूब पानी पिएं, स्टीम लें

बच्चों और बुजुर्गों को बाहर न भेजें

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