
- पाकिस्तान एक बार फिर आतंकवादी लॉन्च पैड और ट्रेनिंग कैंप तैयार कर रहा है.
- आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने में पाक सेना और ISI शामिल हैं.
- पाक अधिकृत कश्मीर में हाईटेक लॉन्चिंग पैड बनाए जा रहे हैं.
- पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक और ADB के फंड का उपयोग कर रहा है.
आतंकवाद से पाकिस्तान का चोली-दामन का साथ रहा है, ये बात अब दुनिया भी जान चुकी है. खबरें आ रही हैं कि पाकिस्तान एक बार फिर पाक अधिकृत कश्मीर और अपने अन्य इलाकों में आतंकी लॉन्च पैड और ट्रेनिंग कैंप को तैयार करने में आतंकी संगठनों की मदद कर रहा है. ये वही आतंकी लॉन्च पैड और ट्रेनिंग कैंप हैं जिन्हे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने बर्बाद किया था. खबर मिल रही है कि पाकिस्तान पाक अधिकृत कश्मीर के जंगली इलाकों में भी हाईटेक लॉन्चिंग पैड बना रहा है. इन तमाम आतंकी कैंपों को बनाने में पाकिस्तानी सेना, ISI और वहां की सरकार, इन आतंकी संगठनों को अपना पूरा सपोर्ट दे रही है. बहावलपुर में ISI की मौजूदगी में जैश, लश्कर, हिजबुल और TRF कमांडरों के साथ बैठक भी हुई है.

सूत्रों के मुताबिक इन आतंकी लॉन्च पैड को फिर से बनाने में पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक और ADB से मिले फंड का बड़े हिस्से का इस्तेमाल कर रहा है. इन आतंकी कैंपों को पूरी तरह से हाईटेक तरीके से तैयार किया जा रहा है. कहा जा रहा है अब नए ट्रेनिंग कैंप ऐसे बनाए जा रहे हैं जिनकी निगरानी न की जा सके. हर कैंप की सुरक्षा के लिए तैनात होंगे स्पेशल आर्मी ट्रेंड सिक्योरिटी गार्ड्स, जो आधुनिक उपकरणों से निगरानी करेंगे. एक कैंप में 200 से ज्यादा आतंकियों को एक साथ ट्रेनिंग नहीं दी जाएगी, ताकि सर्विलांस से बचा जा सके.

अब छोटे-छोटे कई ट्रेनिंग कैंप बनाए जा रहे हैं
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान अपने इलाके में अब पहले की तुलना में छोटे-छोटे कई ट्रेनिंग कैंप बनाने पर फोकस कर रहा है. इन कैंपों में सीमित आतंकियों को ही रखने की व्यवस्था होगी. पाकिस्तान लूनी, पुटवाल, भैरोनाथ, टीपू पोस्ट, जमील पोस्ट, उमरांवली, चपरार फॉरवर्ड, छोटा चक, अफजल शहीद और जंगलोरा में तबाह सभी आतंकी को कैंप को फिर से तैयार करने में जुटा है.
इन सभी को हाईटेक तकनीकों से लैस किया जा रहा है ताकि भारतीय एजेंसियों की पकड़ में न आएं.वहीं POK के इन इलाकों में फिर से नए लांचिंग पैड बनाए जा रहे हैं. ये लॉन्च पैड केल, सारडी, दुधनियाल, अथमुकम, जुरा, लीपा, पछिबन, कहुटा, कोटली, खुइरत्ता, मंधार, निकैल, चमनकोट और जानकोटे में हैं. ISI ने ऐसी तैयारी की है कि घने जंगलों के बीच बनाए जा रहे ये अड्डे ड्रोन या सेटेलाइट से भी नहीं पकड़े जा सकें.
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