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पहलगाम आतंकी हमला: OGWs को क्यों कहते हैं टेररिस्ट का ऑक्सीजन

भारतीय सुरक्षा बल OGW पर नकेल कस रहे हैं. आकलन है कि कश्मीर के 10 ज़िलों में 3,500 OGWs सक्रिय हैं. पहलगाम हमले के बाद अब तक 2,000 से ज़्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं.

पहलगाम आतंकी हमला: OGWs को क्यों कहते हैं टेररिस्ट का ऑक्सीजन

पहलगाम में आतंकी आते हैं और 26 बेकसूर, बेगुनाहों को मौत की नींद सुलाकर चले जाते हैं. ये कैसे संभव हुआ? क्या इसके लिए सिर्फ पाकिस्तान जिम्मेदार है? या फिर इसके लिए आस्तीन के वो सांप भी जिम्मेदार हैं जो नमक भारत का खाते हैं. लेकिन मदद पाकिस्तान की करते हैं. चैन की नींद भारत में सोते हैं और सपने पाकिस्तान के देखते हैं. भारतीय सेना ने अब उन आस्तीन के सांपों का फन कुचलने की ठान ली है जो आतंकियों के लिए आंख और कान बनते हैं. अब सुरक्षाबलों के निशाने पर है OGWs. इन्हें आप आतंकियों का ऑक्सीजन कह सकते हैं. और अब सेना ने ऑक्सीजन की इस पाइपलाइन को ही काटने का संकल्प लिया है. कैसे भारत की सरकार और सेना इन OGWs पर नकेल कस रही है और कैसे इससे आतंकियों का ऑक्सीजन बंद हो जाएगा. 

  • कश्मीर में आतंकियों के घर तबाह हो रहे हैं
  • आतंकियों को कभी इन घरों में पनाह नहीं मिलेगी
  • जब घर ही नहीं बचेगा तो दाना-पानी नहीं मिलेगा

भारतीय सुरक्षा बल OGW पर नकेल कस रहे हैं. आकलन है कि कश्मीर के 10 ज़िलों में 3,500 OGWs सक्रिय हैं. पहलगाम हमले के बाद अब तक 2,000 से ज़्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं. इनमें से काफी लोग OGW हो सकते हैं. पहलगाम हमले जिन लोगों पर मदद का शक है उनमें से 250 पूछताछ हुई है. 7 लोग गिरफ़्तार हुए हैं. ये OGW कैसे आतंकियों के लिए ऑक्सीजन का काम करते हैं ये भी समझना जरूरी है. OGWs को Over Ground Workers कहा जाता है.

- किसी आतंकी संगठन से ज़्यादा ख़तरनाक होते हैं
- आतंकवादियों की A to Z मदद करते हैं
- घुसपैठ कराने, सुरक्षित जगह ठहराने का ज़िम्मा उठाते हैं
- टेररिस्ट के खाने-पीने, पैसों, कपड़ों का इंतज़ाम करते हैं
- आतंकी हमले की तैयारी में भी रोल 
- आतंकियों को सुरक्षाबलों की जानकारी देते हैं
- आतंकियों को हमले की जगह तक पहुंचाते हैं
- हमलों के बाद आतंकियों को सेफ़ जगह ले जाते हैं
- पहलगाम हमले में भी शामिल थे

ये वो गद्दार हैं जो चंद रुपयों की खातिर अपना इमान, अपनी वफादारी बेच देते हैं...और अपने देश के साथ गद्दारी करते हैं. यही Over Ground Workers आतंकियों के लिये आंख और कान का काम करते हैं. घाटी में होने वाले कायराना आतंकी हमलों में अक्सर इन OGWs की बहुत बड़ी भूमिका होती है. यही वजह है कि इस बार भारतीय सुरक्षाबल पूरे OGWs के नेक्सस को ही नेस्तनाबूद करने की दिशा में तेजी से बढ़ रही है. आसान शब्दों में कहें तो बिना OGWs के आतंकियों की हालात ऐसी होगी जैसे पानी के बिना मछली. 

घाटी में आतंक का अंत होकर रहेगा दोस्तों. क्योंकि भारतीय सुरक्षाबलों ने आतंक के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू कर दिया है. इस बार भारतीय सेना की तैयारी ऐसी है कि आतंकी आगे कभी पहलगाम जैसा दर्द भारत को नहीं दे पाएंगे...ऐसा सोचने से पहले ही उनकी रूह कांप उठेगी..

'जो सामने थे, वो भी जाएंगे और जो पीछे छुपे बैठे हैं, वो भी नहीं बचेंगे...' देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान पर सेना ताबड़तोड़ एक्शन ले रही है. ऐसे में अब साफ है कि ना आतंकी बचेंगे, ना आतंक को पालने वाले बचेंगे और ना ही आतंक को खाद पानी पहुंचाने वाले भारत के गद्दार बचेंगे.

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