
“केवल इंसान नहीं मरे हैं, आज कश्मीरियत मरी है. जिस किसी ने भी यह किया, उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था. हमारे जो हिंदुस्तानी भाई वहां शहीद हुए हैं, हम उनके लिए भी रो रहे हैं.”
कांपती आवाज में यह बात कश्मीर की एक मां बोल रही है. यह बात खांदा परवीन बोल रही हैं. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में 26 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इसमें एक नाम सैयद आदिल हुसैन शाह का भी था जो खुद एक कश्मीरी थे. खांदा परवीन सैयद आदिल की चाची हैं. सैयद आदिल पहलगाम में बाहर से आने वाले पर्यटकों को अपने टट्टू घोड़े पर घुमाते थे और अपने परिवार में एकमात्र कमाने वाले थे. अब उनकी इस दुखद मौत ने परिवार को अंदर तक तोड़ दिया है. सैयद आदिल की बहादुरी को पूरा देश सलाम कर रहा है क्योंकि उन्होंने आतंकियों को रोकने की कोशिश की और उसी में अपनी जान गंवा दी.
Today our kashmiriyat has been scrambled Im Crying For Indian People who got killed, No national or international news channel even talked about Adil . He asked terrorists why are you killing innocents they Killed him too.
— SHIA_LINES (@shia_lines) April 23, 2025
-Kashmiri Mother #PahalgamTerroristAttack #GodiMedia pic.twitter.com/u00ymqpNbz
उन्होंने एक पत्रकार से बात करते हुए कहा, “केवल इंसान नहीं मरे हैं, आज कश्मीरियत मरी है. जिस किसी ने भी यह किया, उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था. हमारे जो हिंदुस्तानी भाई वहां शहीद हुए हैं, हम उनके लिए भी रो रहे हैं. न हिंदुस्तान के किसी चैनल ने, न इंटरनेशनल किसी चैनल ने, किसी ने आदिल का नाम नहीं लिया. हमें इस बात का बड़ा दुख है. आदिल ने उस बंदे (आतंकी) को पकड़ लिया कि इन निहत्थों पर गोली नहीं चलाओ. लेकिन उन्होंने फिर गन इसी (आदिल) की तरफ मोड़ ली, पहली फायरिंग पीछे से की. निहत्थे लोगों पर गोलियां नहीं चलानी चाहिए थी, ऐसा नहीं होना चाहिए था. इसका हम सभी को बहुत दुख है.”
“हम सिर्फ पहलगाम की बात नहीं कर रहे हैं, पूरे कश्मीर के हर घर में बहुत मातम है. हर एक बंदा रो रहा है. यह हमला हमारी कश्मीरियत पर है. उस लड़की पर क्या गुजर रही होगी जिसने हाथ में अभी भी चूड़ा पहन रखा था (पति की हमले में मौत हो गई है). वो (आदिल) अपने मां का अकेला था, बहन-भाइयों का अकेला था. अपने माता-पिता की देखभाल वहीं करता था. हमारा ये लड़का बहुत नेक दिल और सीधा था. वो बहुत ज्यादा मेहनत करता था. अपने कंधे पर घर को चलाया था.”- खांदा परवीन
भारत सरकार ने इस हमले को गंभीरता से लिया. 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक हुई, जिसमें पांच बड़े फैसले लिए गए. इसमें सबसे बड़ा कदम यह उठाया गया है कि सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया. सभी 5 फैसलों पर डिटेल्ड रिपोर्ट पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक कीजिए.
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