भारतीयों में थॉयरायड की समस्या की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है
नयी दिल्ली:
हर तीसरा भारतीय किसी न किसी प्रकार के थॉयरायड से पीड़ित है जिसके कारण वजन बढ़ना, हॉर्मोन असंतुलन होता है और यह महिलाओं में अधिक देखा जाता है.
एक सर्वेक्षण के मुताबिक उत्तर भारत में हाइपोथॉयरायड के मामले अधिक देखे जाते हैं. इस स्थिति में थॉयरायड ग्रंथि अधिक हॉर्मोन नहीं बना पाती है ताकि शरीर को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके. इसमें कहा गया है कि दक्षिण और पश्चिम क्षेत्र में भी हाइपोथॉयराइड और इसके अलग-अलग प्रकार नजर आते हैं.
पूरे भारत में 2014-2016 के दौरान 33 लाख वयस्कों से जुटाए गए आंकड़े के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है और इसमें पाया गया कि भारतीय आबादी का करीब 32 फीसदी हिस्सा विभिन्न प्रकार के थॉयरायड की समस्या से ग्रस्त है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एक सर्वेक्षण के मुताबिक उत्तर भारत में हाइपोथॉयरायड के मामले अधिक देखे जाते हैं. इस स्थिति में थॉयरायड ग्रंथि अधिक हॉर्मोन नहीं बना पाती है ताकि शरीर को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके. इसमें कहा गया है कि दक्षिण और पश्चिम क्षेत्र में भी हाइपोथॉयराइड और इसके अलग-अलग प्रकार नजर आते हैं.
पूरे भारत में 2014-2016 के दौरान 33 लाख वयस्कों से जुटाए गए आंकड़े के विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है और इसमें पाया गया कि भारतीय आबादी का करीब 32 फीसदी हिस्सा विभिन्न प्रकार के थॉयरायड की समस्या से ग्रस्त है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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