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भारत में 'मारुति 800' लाने वाले ओसामु सुजुकी का निधन, भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में लाए क्रांति

सुजुकी का जन्म 30 जनवरी 1930 को हुआ था. उन्होंने चुओ विश्वविद्यालय के विधि संकाय से स्नातक की उपाधि हासिल की और अप्रैल 1958 में तत्कालीन सुजुकी मोटर कंपनी लिमिटेड में शामिल हो गए.

भारत में 'मारुति 800' लाने वाले ओसामु सुजुकी का निधन, भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में लाए क्रांति
भारत के मोटर उद्योग को दी नई दिशा...
नई दिल्‍ली:

भारतीय मोटर वाहन उद्योग को नई दिशा देने वाले ओसामु सुजुकी का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया. जापान की सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन की ओर से शुक्रवार को दी गई जानकारी के अनुसार, 25 दिसंबर को ‘लिम्फोमा' के कारण उनका निधन हो गया. सुजुकी, ने 40 से अधिक वर्षों तक सुजुकी मोटर कॉर्प का नेतृत्व किया और लोकप्रिय मारुति 800 कार की शुरुआत करके भारत के कार बाजार में क्रांति ला दी थी. भारत में उनकी एंट्री एक गेम-चेंजर साबित हुई, तब तक बाजार में 60 के दशक के मध्य की तकनीक वाली एंबेसडर और फिएट कारों का बोलबाला था. लेकिन मारुति 800 की लॉन्चिंग के बाद उसकी मांग तेजी से बढ़ी. ग्राहकों की वेटिंग लिस्‍ट तीन साल तक लंबी हो गई और सेकेंड-हैंड बाजार में कार प्रीमियम पर बिकी.

ओसामु सुजुकी का सफर...

  • ओसामु सुजुकी का जन्म 30 जनवरी 1930 को हुआ था. 
  • सुजुकी ने चुओ विश्वविद्यालय के विधि संकाय से स्नातक की उपाधि हासिल की थी. 
  • अप्रैल 1958 में तत्कालीन सुजुकी मोटर कंपनी लिमिटेड में ओसामु सुजुकी शामिल हो गए. 
  • नवंबर 1963 में ओसामु सुजुकी को निदेशक नियुक्त किया गया और दिसंबर 1967 में वे निदेशक एवं प्रबंध निदेशक बन गए. 

भारत के मोटर उद्योग को दी नई दिशा...

सुजुकी को 1981 में मारुति उद्योग लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम बनाने के लिए तत्कालीन भारत सरकार के साथ साझेदारी करने का जोखिम उठाने के लिए पहचाना जाता है. उस समय भारत लाइसेंस व्यवस्था के तहत एक बंद अर्थव्यवस्था थी. इसलिए सुजुकी को व्यापक रूप से देश में मोटर वाहन उद्योग को बढ़ावा तथा नई दिशा देने वाले शख्स के तौर पर पहचाना जाता है. सुजुकी मोटर ने नई दिल्ली के बाहर भारत सरकार के साथ एक उद्यम स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की और 1982 में सरकारी स्वामित्व वाली कार निर्माता कंपनी मारुति उद्योग में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल कर ली. मारुति, जो अब सुजुकी मोटर की एक यूनिट है, जल्दी ही भारत में सबसे बड़ी कार निर्माता बन गई और अभी भी बाजार में 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखती है. सरकार के 2007 में सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के साथ मिलकर कंपनी से बाहर निकलने का फैसला करने पर मारुति उद्योग लिमिटेड, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड बन गई.

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भारत के प्रति था ओसामु सुजुकी का गहरा व अडिग प्रेम

ओसामु सुजुकी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के निदेशक और मानद अध्यक्ष थे. मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड (एमएसआईएल) के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने सुजुकी के निधन पर कहा, 'उनकी दूरदर्शिता, ऐसा जोखिम उठाने की उनकी इच्छा जिसे कोई और उठाने को तैयार नहीं था, भारत के प्रति उनके गहरे व अडिग प्रेम और एक शिक्षक के रूप में उनकी अपार क्षमताओं के बिना मेरा मानना ​​है कि भारतीय मोटर वाहन उद्योग वह महाशक्ति नहीं बन पाता जो वह बन गया है.'
भारत के साथ सुजुकी के संबंधों को याद करते हुए भार्गव ने कहा, 'उन्होंने कई प्रधानमंत्रियों का विश्वास जीता और उसका लाभ उठाया. वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ उनके करीबी संबंध थे... देश में उनके असंख्य प्रशंसक और लाभार्थी उन्हें याद रखेंगे.' 
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसीएमए) की अध्यक्ष श्रद्धा सूरी मारवाह ने शोक संदेश में कहा, 'मारुति सुजुकी के जरिये भारत में उनके असाधारण योगदान ने न केवल भारतीय मोटर वाहन परिदृश्य में क्रांति ला दी, बल्कि भारत तथा जापान के बीच संबंधों को भी मजबूत किया. एक ऐसी साझेदारी को बढ़ावा दिया जिसने वैश्विक मोटर वाहन उद्योग के लिए मानक स्थापित किए और एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण किया जिसने अनगिनत व्यवसायों को सशक्त बनाया.'

PM मोदी बोले- वैश्विक ऑटोमेटिव उद्योग की एक महान हस्ती 

पीएम नरेंद्र मोदी ने सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन के पूर्व अध्यक्ष एवं सीईओ ओसामु सुजुकी के निधन पर दुख जताते हुए उन्हें वैश्विक ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की एक महान हस्ती बताया. सुजुकी का बुधवार दोपहर 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया. पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक्स पर लिखा, 'वैश्विक ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की एक महान हस्ती ओसामु सुजुकी के निधन से बहुत दुख हुआ. उनके नेतृत्व में, सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन एक वैश्विक शक्ति बन गई, जिसने चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया, इनोवेशन और एक्सपेंशन को आगे बढ़ाया. उन्हें भारत से गहरा लगाव था और मारुति के साथ उनके सहयोग ने भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में क्रांति ला दी.'
पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में उनके साथ अपनी यादों को साझा किया, 'मैंने सुजुकी के साथ अपनी कई मुलाकातों की यादें संजोकर रखी हैं और उनके व्यावहारिक, विनम्र दृष्टिकोण की दिल से प्रशंसा करता हूं. उन्होंने कड़ी मेहनत, बारीकियों पर सावधानीपूर्वक ध्यान और गुणवत्ता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का उदाहरण पेश किया. उनके परिवार, सहकर्मियों और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदना.'

भारत में पद्म भूषण से किया गया था सम्मान

ओसामु सुजुकी उन चंद विदेशियों में थे, जिन्‍हें भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण से सम्‍मानित किया गया था. उनकी दूरदर्शिता ने न सिर्फ वैश्विक वाहन उद्योग का आकार दिया, बल्कि लाखों भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में भी अहम भूमिका निभाई. भारत के साथ ओसामु के संबंधों को याद करते हुए मारुति सुजुकी इंडिया लि. के चेयरमैन आरसी भार्गव कहते हैं, उन्होंने कई प्रधानमंत्रियों का विश्वास जीता और उसका लाभ उठाया. मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके करीबी संबंध थे. देश में उनके असंख्य प्रशंसक और लाभार्थी उन्हें याद रखेंगे. 

सुजुकी का जन्म 30 जनवरी 1930 को हुआ था. उन्होंने चुओ विश्वविद्यालय के विधि संकाय से स्नातक की उपाधि हासिल की और अप्रैल 1958 में तत्कालीन सुजुकी मोटर कंपनी लिमिटेड में शामिल हो गए. नवंबर 1963 में उन्हें निदेशक नियुक्त किया गया और दिसंबर 1967 में वे निदेशक एवं प्रबंध निदेशक बन गए. 

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