17 जनवरी 2015 को सुनंदा की मौत को पूरा एक साल हो गया, लेकिन 365 दिन बाद भी मौत से जुड़े सवाल वहीं के वहीं हैं। पुलिस कहती है एसआईटी इस मामले की जांच बहुत तेजी से कर रही है।
इस मामले में कभी धीमी जांच पर सवाल उठे तो कभी जांच की दिशा भटकाने के भी आरोप लगे। एम्स के फोरेंसिक विभाग के प्रमुख सुधीर गुप्ता ने भी आरोप लगा दिया कि उन पर सुनंदा की मौत को सामान्य मौत दिखाने के लिए दबाव डाला गया।
तारीखों में झूलता रहा मामला
-17 जनवरी 2014 को सुंनदा पुष्कर की मौत हुई
-20 जनवरी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, जिसमें शक जताया गया कि मौत की वजह नशीली दवाओं का ओवरडोज हो सकता है
-जांच में सुनंदा पुष्कर और शशि थरूर के बीच झगड़े और मारपीट की बात सामने आई
-सितंबर के महीने में विसरा रिपोर्ट में मौत का कारण जहर बताया गया
-मौत को असमान्य मौत बताया गया
-नवंबर में एम्स की टीम ने मौका-ए-वारतात का दौरा किया
-दौरे में कई ऐसे सबूत मिलने का दावा किया गया, जिन्हें न तो पुलिस ने रिकार्ड पर लिया और न ही उन्हें सौंपा
-29 दिसंबर को एम्स के मेडिकल बोर्ड ने फाइनल रिपोर्ट दी, जिसमें जहर और असमान्य मौत की बात फिर से कही गई
-1 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया
नए सिरे से जांच
पिछले 15 दिनों में दिल्ली पुलिस ने शशि थरूर के घर में काम करने वालों, दूसरे स्टॉफ, पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों और मौत से पहले सुनंदा का इलाज कर रहें डॉक्टरों से पूछताछ की है।
इसके अलावा सुंनदा के दोस्त संजय दीवान का भी बयान लिया गया। अब बारी सुनंदा के पति शशि थरूर की है। पुलिस का कहना है कि अगले 2-3 दिनों में शशि से पूछताछ होगी।
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