
पीएम नरेंद्र मोदी.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
8 नवंबर को नोटबंदी का एक साल हो रहा है
नोटबंदी का कामयाबी और विफलता पर विपक्ष और सरकार आमने-सामने
मोदी अब कर सकते हैं बेनामी संपत्ति पर कड़ा प्रहार.
सरकार के करीबी लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को आगे की रणनीति का रोडमैप पेश कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि इस बारे में उच्च स्तरीय बैठकों का दौर जारी है. जानकारी के लिए बता दें कि 10 नवंबर को केंद्रीय मंत्रियों की बैठक तय कार्यक्रम के अनुसार बुलाई गई है. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी के भ्रष्टाचार और बेनामी संपत्ति के खिलाफ अगले कदम से जुड़ी योजना पर कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं.
बता दें कि विपक्ष जहां नोटबंदी के एक साल पूरा होने पर 8 नवंबर को काला दिवस मनाने की तैयार कर रहा है वहीं, सरकार ने सारी आलोचनाओं को दरिकनार करते हुए पीएम मोदी की अगुआई में 8 नवंबर को 'ऐंटी ब्लैक मनी डे' मनाने का फैसला लिया है. यह सबको पता है कि पीएम मोदी ने कालाधन और बेनामी संपत्ति को समाप्त कर भ्रष्टाचार को मिटाने की मुहिम छेड़ दी है. पीएम मोदी पहले ही अपने इरादे साफ कर चुके हैं. उम्मीद की जा रही है कि पीएम जल्द ही बेनामी संपत्ति को लेकर और कड़े कदमों का ऐलान कर सतके हैं.
यह भी पढ़ें : नोटबंदी का एक साल: 8 नवंबर को सरकार और विपक्ष के बीच होगी 'भिड़ंत'
सूत्रों के अनुसार कहें या कहें कि यह स्पष्ट है कि पीएम मोदी ने नोटबंदी के बाद अपना अगला टारगेट बेनामी संपत्ति को बनाया है और इसके खिलाफ बड़े पैमाने पर पूरे देश में अभियान चलाया जाएगा. दरअसल नोटबंदी के एक साल बाद सरकार करप्शन के खिलाफ जंग को जारी रखने का मजबूत संकेत देना चाहती है.
कहा जा रहा है कि अब अगर किसी जमीन के मालिकाना हक के कानूनी सबूत नहीं मिले तो बेनामी संपत्तियों को सरकार अपने कब्जे में ले सकती है. इन बेनामी संपत्तियों को भी गरीबों के लिए किसी योजना से जोड़ा जाएगा जैसे ब्लैकमनी के लिए दोबारा लाई डिस्कलोजर स्कीम के तहत राशि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में डाली गई थी.
यह भी पढ़ें : खुलासा: इस योजना के तहत 21,000 लोगों ने 4900 करोड़ रुपये कालेधन की घोषणा की
सरकार को उम्मीद है कि बेनामी संपत्ति के खिलाफ प्रस्तावित अभियान में कई बड़े सफेदपोश नेताओं पर गाज भी गिर सकती है.
VIDEO: नोटबंदी का एक साल
मोदी सरकार 2019 के आम चुनाव तक इस मुद्दे को जिंदा रखना चाहती है और करप्शन के मुद्दे पर ही वह चुनाव लड़ने की रणनीति बना चुकी है. सरकार का मानना है कि एक साल बाद जब नोटबंदी के बाद हालात सुधर चुके हैं तो दूसरा अभियान शुरू होने से इसका सकारात्मक संदेश खासकर गरीबों के बीच जा सकता है कि काला धन रखने वाले अमीरों के खिलाफ सख्त अभियान जारी है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं