विजय माल्या पर बैंकों का 9000 करोड़ रुपये बकाया है....
नई दिल्ली:
5 साड़ी चुराने पर एक साल जेल में बंद एलिहा के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना पुलिस की खिंचाई की. साथ ही सवाल किया कि जो शख्स करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गया है और मजे कर रहा है, उस पर क्या कार्रवाई हुई? सुप्रीम कोर्ट का इशारा विजय माल्या की ओर था जो बैंकों का 9000 करोड़ रुपये का लोन नहीं चुका रहे हैं और भारत से भाग गए हैं.
एलिहा पर आरोप है कि उसने हैदराबाद में पांच साड़ियां चुराई हैं. तेलंगाना की हैदराबाद पुलिस ने व्यापारियों की शिकायत पर उसे प्रिवेंटिव अरेस्ट कर लिया. साल भर से वो जेल में है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस पर बडे सवाल उठाए हैं.
पुलिस की इस कारवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची एलिहा की पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायधीश जेएस खेहर ने कहा कि ये पुलिस है. कुछ साड़ियां चोरी करने वाला जेल में है. दूसरी तरफ एक शख्स है जो करोड़ों रुपये लेकर भी मजे कर रहा है. हालांकि उन्होंने विजय माल्या का नाम नहीं लिया.
हालांकि सुनवाई के दौरान तेलंगाना सरकार ने इस मामले में प्रिवेंटिव गिरफ्तारी को सही ठहराया. सरकार की ओर से दलील दी गई कि आरोपी साड़ी चोरी करने वाले गैंग से है. इस गैंग ने साडी चोरियों की वारदातों को लगातार अंजाम दिया है जिसकी वजह से व्यापारी बहुत परेशान हैं. राज्य सरकार ने दलील दी कि उसके खिलाफ लगातार व्यापारियों की शिकायतें आ रही थी. इसी कारण पुलिस ने उसकी प्रिवेंटिव गिरफ्तारी की ताकि भविष्य में इन वारदातों पर अंकुश लगाया जा सके. बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई जारी रखने का फैसला किया है और अब इसकी सुनवाई 8 मार्च को होगी.
एलिहा पर आरोप है कि उसने हैदराबाद में पांच साड़ियां चुराई हैं. तेलंगाना की हैदराबाद पुलिस ने व्यापारियों की शिकायत पर उसे प्रिवेंटिव अरेस्ट कर लिया. साल भर से वो जेल में है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस पर बडे सवाल उठाए हैं.
पुलिस की इस कारवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची एलिहा की पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायधीश जेएस खेहर ने कहा कि ये पुलिस है. कुछ साड़ियां चोरी करने वाला जेल में है. दूसरी तरफ एक शख्स है जो करोड़ों रुपये लेकर भी मजे कर रहा है. हालांकि उन्होंने विजय माल्या का नाम नहीं लिया.
हालांकि सुनवाई के दौरान तेलंगाना सरकार ने इस मामले में प्रिवेंटिव गिरफ्तारी को सही ठहराया. सरकार की ओर से दलील दी गई कि आरोपी साड़ी चोरी करने वाले गैंग से है. इस गैंग ने साडी चोरियों की वारदातों को लगातार अंजाम दिया है जिसकी वजह से व्यापारी बहुत परेशान हैं. राज्य सरकार ने दलील दी कि उसके खिलाफ लगातार व्यापारियों की शिकायतें आ रही थी. इसी कारण पुलिस ने उसकी प्रिवेंटिव गिरफ्तारी की ताकि भविष्य में इन वारदातों पर अंकुश लगाया जा सके. बहरहाल सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई जारी रखने का फैसला किया है और अब इसकी सुनवाई 8 मार्च को होगी.
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