विज्ञापन
This Article is From Jan 26, 2022

Omicron के खिलाफ सुरक्षा देती हैं मौजूदा एंटी-कोविड वैक्सीन? नई स्टडी में सामने आए दिलचस्प नतीजे

एक लेटेस्ट स्टडी में कहा गया है कि मौजूदा समय में उपलब्ध कोविड रोधी टीके शरीर को लंबे समय तक टिकने वाली बेहद प्रभावी टी-कोशिकाओं के उत्पादन के लिए प्रेरित करते हैं. ये कोशिकाएं ओमीक्रोन सहित सार्स-कोव-2 वायरस के अन्य स्वरूपों की पहचान करने और गंभीर संक्रमण का खतरा घटाने में कारगर हैं.

Omicron के खिलाफ सुरक्षा देती हैं मौजूदा एंटी-कोविड वैक्सीन? नई स्टडी में सामने आए दिलचस्प नतीजे
Covid Vaccination : ओमिक्रॉन के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता पर स्टडी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि मौजूदा समय में उपलब्ध कोविड रोधी टीके शरीर को लंबे समय तक टिकने वाली बेहद प्रभावी टी-कोशिकाओं के उत्पादन के लिए प्रेरित करते हैं. ये कोशिकाएं ओमीक्रोन सहित सार्स-कोव-2 वायरस के अन्य स्वरूपों की पहचान करने और गंभीर संक्रमण का खतरा घटाने में कारगर हैं. ‘जर्नल सेल' में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार टी और बी कोशिकाएं किसी भी संक्रमण के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाती हैं.

अमेरिका स्थित ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्युनोलॉजी (एलजेआई) के शोधकर्ताओं ने उन वयस्कों में चार कोविड रोधी टीकों (फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना, जानसन और नोवावैक्स) का असर आंका, जिनका पूर्ण टीकाकरण तो किया जा चुका है, लेकिन उन्हें बूस्टर खुराक नहीं हासिल हुई है. शोधकर्ताओं ने पाया कि टीके से पैदा ज्यादातर टी-कोशिकाएं ओमीक्रोन स्वरूप के खिलाफ भी प्रभावी हैं.

एलजेआई के प्रोफेसर और शोध के सह-लेखक शेन क्रॉटी ने कहा कि ये टी-कोशिकाएं व्यक्ति को संक्रमित होने से नहीं बचा पाएंगी, लेकिन ज्यादातर मामलों में ये संक्रमण को गंभीर रूप अख्तियार करने से रोकने में सफल रहेंगी.

ये भी पढ़ें : Omicron के लिए आ रही अलग Corona Vaccine, क्लिनिकल ट्रायल्स हुए शुरू

शोध दल से जुड़ी एल्बा ग्रिफोनी ने बताया कि अध्ययन में शामिल चारों टीके ओमीक्रोन के खिलाफ प्रभावी मिले हैं और इनका असर टीकाकरण के छह महीने बाद तक रहता है.

शोधकर्ताओं ने कहा कि ओमीक्रोन स्वरूप में मौजूद 15 म्यूटेशन (जेनेटिक उत्परिवर्तन) इसके खिलाफ ज्यादा बी-कोशिकाएं बनने से रोकते हैं. इसका मतलब यह है कि शरीर ओमीक्रोन संक्रमण से निपटने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन धीमी गति से जरूर करता है, लेकिन वह इससे लड़ने में पूरी तरह से अक्षम नहीं होता.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com