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This Article is From Feb 14, 2021

उमर अब्दुल्ला का आरोप- परिवार को फिर किया गया नजरबंद, ट्वीट कर बोले- 'यह आपका लोकतंत्र है'

उमर अब्दुल्ला ने रविवार को ट्वीट कर दावा किया है कि उनको, उनके पिता फारूक अब्दुल्ला सहित दूसरे परिवारवालों को नजरबंद कर दिया गया है, वहीं काम करने वाले स्टाफ को भी अंदर नहीं आने दिया जा रहा.

उमर अब्दुल्ला का आरोप- परिवार को फिर किया गया नजरबंद, ट्वीट कर बोले- 'यह आपका लोकतंत्र है'
उमर अब्दुल्ला ने अपने घर के सामने पुलिस की गाड़ियों की तस्वीरें शेयर की हैं.
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने दावा किया है कि उन्हें और उनके परिवार को एक बार फिर नजरबंद कर दिया गया है. उन्होंने रविवार को ट्वीट कर केंद्र सरकार पर गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने कुछ तस्वीरें भी शेयर कीं, जिसमें उनके घर के बाहर पुलिस की कुछ गाड़ियां खड़ी हैं. 

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, 'यह अगस्त 2019 के बाद नया जम्मू कश्मीर है. हमें बिना कोई कारण बताए, हमारे घरों में बंद कर दिया गया है. इससे बुरा और क्या हो सकता है कि उन्होंने मुझे और मेरे पिता (मौजूदा सांसद) को हमारे घर में बंद कर दिया है, मेरी बहन और उनके बच्चों को भी उनके घर में बंद कर दिया है.'

उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट के सात दो तस्वीरें शेयर कीं, जिनमें यहां शहर के गुपकर इलाके में उनके आवास के मुख्य द्वार के बाहर पुलिस की गाड़ियां खड़ी दिख रही हैं. 

उन्होंने एक दूसरे ट्वीट में मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि ‘चलो, लोकतंत्र के आपके नए मॉडल का मतलब है कि हमें कोई कारण बताए बिना हमारे घरों में बंद रखा जाए और हमारे घर में काम करने वाले कर्मियों को भी अंदर आने की अनुमति नहीं जाए. इसके बाद भी, आपको इस बात पर हैरानी होती है कि मुझमें अब भी गुस्सा और कड़वाहट है.'

यह भी पढ़ें : "4G मुबारक": उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवा बहाल होने पर दी प्रतिक्रिया

बता दें कि इससे पहले, पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी शनिवार को दावा किया था कि पिछले साल दिसंबर में यहां के पारिमपोरा इलाके में कथित मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकवादियों में से एक अतहर मुश्ताक के परिजन से मिलने जाने से पहले उन्हें नजरबंद कर दिया गया है.

महबूबा ने ट्वीट किया था, ‘कथित मुठभेड़ में मारे गए अतहर मुश्ताक के परिवार से मिलने जाने से पहले हमेशा की तरह नजरबंद कर दिया गया. बेटे का शव मांगने पर उसके पिता के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया. क्या भारत सरकार कश्मीर आने वाले यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल को ये सामान्य हालात दिखाना चाहती है.'

(भाषा से इनपुट)

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