नई दिल्ली:
दिलीप और उनके जैसे लाखों मरीजों को अब डायलिसिस या फिर दूसरे महंगे इलाज के रास्ते में अब कोई अड़चन नहीं आएगी। एनडीटीवी में यह खबर दिखाए जाने के बाद कि ईएसआईसी ने अचानक ही नियमों में बदलाव करते हुए उन मरीजों का इलाज बंद कर दिया है, जिनका मर्ज पुराना है और कार्ड नया।
केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय तक जब यह बात पहुंची तो उन्होंने निर्देश दिया कि मरीजों का इलाज पहले के मुताबिक चलता रहेगा। इससे कैंसर और किडनी सरीखी प्री एक्जिस्टिंग बीमारियों के इलाज का रास्ता खुल गया।
दरअसल बीते दिनों ईएसआईसी ने यह दलील देते हुए अचानक कई गंभीर बीमारियों में मदद देने से मना कर दिया कि किडनी, कैंसर से जुड़े कई महंगे इलाज, यानी सुपर स्पेशलिटी ट्रीटमेंट की वजह से उन पर बेवजह बोझ बढ़ता है।
ऐसे मामले में मेंबर कार्ड तो नए होते हैं, जबकि बीमारियां काफी पुरानीं। इसकी खबर एनडीटीवी पर दिखाए जाने के बाद ईएसआईसी की 166वीं बैठक में जब रामकिशोर त्रिपाठी और सीपी सिंह जैसे सदस्यों ने मुद्दा उठाया तो मंत्री समेत कई लोग उनके साथ आ गए।
केंद्रीय श्रम राज्यमंत्री बंडारू दत्तात्रेय तक जब यह बात पहुंची तो उन्होंने निर्देश दिया कि मरीजों का इलाज पहले के मुताबिक चलता रहेगा। इससे कैंसर और किडनी सरीखी प्री एक्जिस्टिंग बीमारियों के इलाज का रास्ता खुल गया।
दरअसल बीते दिनों ईएसआईसी ने यह दलील देते हुए अचानक कई गंभीर बीमारियों में मदद देने से मना कर दिया कि किडनी, कैंसर से जुड़े कई महंगे इलाज, यानी सुपर स्पेशलिटी ट्रीटमेंट की वजह से उन पर बेवजह बोझ बढ़ता है।
ऐसे मामले में मेंबर कार्ड तो नए होते हैं, जबकि बीमारियां काफी पुरानीं। इसकी खबर एनडीटीवी पर दिखाए जाने के बाद ईएसआईसी की 166वीं बैठक में जब रामकिशोर त्रिपाठी और सीपी सिंह जैसे सदस्यों ने मुद्दा उठाया तो मंत्री समेत कई लोग उनके साथ आ गए।