ओडिशा विजिलेंस टीम ने कटक के बारांग में एक एडिशनल तहसीलदार के घर समेत कई जगहों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के दौरान तहशीलदार के घर से जो कुछ मिला उसे देखकर खुद विजिलेंस अधिकारी हैरान रह गए. आरोपी तहसीलदार की पहचान जितेंद्र कुमार पांडा के रूप में कई गई है.विजिलेंस अधिकारियों के मुताबिक पांडा 10 नवंबर, 1995 को कटक में एनिमल हसबेंडरी और वेटरनरी सर्विसेज के डायरेक्टर के ऑफिस में सीनियर लेबोरेटरी असिस्टेंट के तौर पर सरकारी नौकरी में आए थे. उन्हें रिहैबिलिटेशन स्कीम के तहत शुरुआती मासिक सैलरी 2,000 रुपये पर नियुक्त किया गया था.

एक लॉकर में 75 लाख रुपये कैश मिला
चल रही तलाशी के दौरान विजिलेंस टीम ने करीब 75 लाख रुपये कैश बरामद किए. यह पैसा भुवनेश्वर के बडागड़ा इलाके में ब्रिट कॉलोनी में पांडा की सास के एक बंद घर में छिपाकर रखा गया था. सास बिस्तर पर हैं और फिलहाल एडिशनल तहसीलदार के साथ रहती हैं. रिपोर्ट लिखे जाने तक कैश की गिनती जारी थी.
इमारतें, फ्लैट और महंगी ज़मीनें मिलीं
छापेमारी में पांडा और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी कई अचल संपत्तियों का पता चला. इनमें भुवनेश्वर के बडागड़ा इलाके में दो तीन-मंजिला इमारतें, खोरधा के सनापल्ला में एक दो-मंजिला इमारत और भुवनेश्वर के उत्तरा में एक 2 BHK फ्लैट शामिल है.विजिलेंस अधिकारियों को चार महंगी ज़मीनें भी मिलीं, जिनमें से तीन भुवनेश्वर के पॉश इलाकों में और एक खोरधा शहर में है.
लॉकर अभी खोला जाना बाकी है
अचल संपत्तियों के अलावा, अधिकारियों ने 6.20 लाख रुपये कैश और लगभग 100 ग्राम सोने के गहने बरामद किए. भुवनेश्वर में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का एक बैंक लॉकर अभी खोला जाना बाकी है। बैंक खातों, पोस्टल डिपॉजिट और अन्य निवेशों का विवरण भी वेरिफाई किया जा रहा है.छापेमारी में एक चार-पहिया वाहन, एक किया सेल्टोस, और चार दो-पहिया वाहनों के मालिकाना हक का भी पता चला।
वैल्यूएशन की प्रक्रिया जारी
इमारतों, फ्लैट और ज़मीनों का माप और वैल्यूएशन विजिलेंस टेक्निकल विंग द्वारा किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि तलाशी अभी भी जारी थी, और चल और अचल संपत्तियों का कुल मूल्य अभी तक कैलकुलेट नहीं किया गया है.
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