
ओडिशा के पुरी में आग से बुरी तरह झुलसी 15 साल की बच्ची ने कई दिनों तक जिंदगी और मौत से जंग के बाद आखिरकार दम तोड़ दिया है. आरोप है कि लड़की को तीन युवकों ने पहले किडनैप किया और फिर उसे जिंदा जलाने की कोशिश की गई. लड़की का शरीर 75 फीसदी तक जल चुका था, जिसके बाद उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली के एम्स लाया गया, जहां पिछले कई दिनों से उसका इलाज चल रहा था. अब इस मामले को लेकर राज्य सरकार और ओडिशा पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं.
परिवार ने लगाया आरोप
10वीं की छात्रा के साथ ये घटना 19 जुलाई को हुई थी, जब वो अपनी सहेली से मिलने के बाद घर लौट रही थी. जिसके बाद इसकी जानकारी पुलिस को दी गई. लड़की की मां ने बलंगा थाने में इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई, इसमें आरोप लगाया कि उनकी बेटी का तीन लोगों ने अपहरण किया था और उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर उसे आग लगा दी थी. इस घटना की खबर बाहर आते ही पूरे ओडिशा में बवाल मच गया और देशभर तक ये खबर फैल गई. मामला दर्ज होने के बाद ओडिशा पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का दौरा किया. इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है.
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पुलिस जांच पर उठ रहे सवाल
अब इस घटना को लेकर ओडिशा पुलिस ने जिस तरह से जांच की है, उस पर भी सवाल उठने लगे हैं. पुलिस ने कह दिया है कि इसमें कोई भी अन्य व्यक्ति शामिल नहीं है. ओडिशा पुलिस ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'पुलिस ने पूरी ईमानदारी से जांच की है. जांच अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है, अब तक की गई जांच के अनुसार यह स्पष्ट है कि इसमें कोई अन्य व्यक्ति शामिल नहीं है.' पुलिस ने सभी से अपील करते हुए कहा है कि मामले पर कोई भी संवेदनशील टिप्पणी न करें. विपक्ष अब पुलिस और सरकार की मंशा पर सवाल उठाने लगा है.
बीजेडी ने सरकार को घेरा
पुरी में 15 साल की नाबालिग के साथ ऐसी घटना और फिर मौत के बाद ओडिशा की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर है. बीजेडी सांसद निरंजन बिशी ने कहा, 'उसे एयरलिफ्ट किया गया था और उसका इलाज चल रहा था, लेकिन उसका 75 प्रतिशत से अधिक शरीर जल चुका था, इसलिए बचने की संभावना कम थी. अपराधियों ने जानबूझकर लड़की के साथ ऐसा किया, फिर भी ओडिशा पुलिस और प्रशासन उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई है. दिल्ली एम्स में उसकी मौत हो गई, जो बेहद दुखद है."
इसी मामले को लेकर बीजेडी सांसद मुन्ना खान ने कहा, 'हमें पूरा विश्वास था कि वह जल्द ही ठीक हो जाएगी, आज उसका निधन हो गया और हमें गहरा दुख हुआ है. ओडिशा में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह से ध्वस्त है. प्रदेश में बच्चियां और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.' कांग्रेस नेताओं ने भी इसी तरह के सवाल खड़े किए हैं और जल्द से जल्द मामले की निष्पक्ष जांच और गिरफ्तारी की बात की जा रही है.
सीएम ने क्या कहा?
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना को लेकर दुख जताया और सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि ओडिशा सरकार और एम्स दिल्ली के डॉक्टरों की तमाम कोशिश के बावजूद हम उसकी जान नहीं बचा सके. उन्होंने पीड़ित परिवार की मदद की बात कही है और साथ ही कहा है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल इस मामले पर उनकी सरकार पूरी तरह से घिरती हुई दिख रही है.
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