विज्ञापन
This Article is From Jun 05, 2025

Exclusive: रामचरितमानस की 2 चौपाइयों के जरिए भगवान राम और रामराज्‍य को समझा गए नृपेंद्र मिश्रा

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने एनडीटीवी के साथ खास बातचीत में दो चौपाइयों को उद्धृत किया, जिसके जरिए उन्‍होंने भगवान राम और रामराज्‍य के महत्‍व को बताया.

नृपेंद्र मिश्रा ने भगवान राम और रामराज्‍य के महत्‍व को दो चौपाइयों से बता दिया.
अयोध्‍या:

अयोध्‍या स्थित राम मंदिर का भव्‍य निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. राम दरबार की भी आज प्राण प्रतिष्‍ठा हो गई. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने इस मौके पर एनडीटीवी के साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्‍होंने बताया कि राम दरबार की मूर्तियों को जयपुर के शिल्‍पकारों ने बताया है. साथ ही उन्‍होंने तुलसीदास द्वारा रामचरितमानस में लिखी दो चौपाइयों को उद्ध़ृत किया और भगवान राम और रामराज्‍य के महत्‍व को बताया. साथ ही कहा कि रामदरबार में भगवान राम के साथ ही उनके भ्राताओं और सीताजी के साथ ही उनके प्रथम सेवक हनुमानजी विराजमान हैं. 

राम राज बैठे त्रैलोका.... 

इस दौरान उन्‍होंने भगवान राम और रामराज्‍य के महत्‍व को दो चौपाइयों से बता दिया. उन्‍होंने रामचरितमानस के उत्तरकांड की चौपाई 'राम राज बैठे त्रैलोका, हरषित भए गए सब सोका' के जरिए भगवान राम और उनके राजकाज के बाद आए परिवर्तन को बताया. इस चौपाई का अर्थ है कि भगवान श्रीराम के राजगद्दी पर बैठते ही तीनों लोक हर्षित हो गए और उनके सारे दुख दूर हो गए. 

दैहिक, दैविक भौतिक तापा... 

इसके साथ ही मिश्रा ने रामचरितमानस की एक अन्‍य चौपाई सुनाई. जिसमें तुलसीदास लिखते हैं, 'दैहिक, दैविक भौतिक तापा, राम राज काहूहि नहीं ब्‍यापा'. इसका अर्थ है कि भगवान श्रीराम के राज्‍य में किसी को भी दैहिक (शारीरिक), दैहिक (प्राकृतिक) और भौतिक कष्‍ट नहीं हो सकता है. 

कहां पर क्‍या होगा?

मिश्रा ने बताया कि ग्राउंड फ्लोर पर रामलला विराजे हैं और फर्स्‍ट फ्लोर पर राम दरबार है. उन्‍होंने कहा कि ग्राउंड फ्लोर पर पांच मंडप है, जबकि फर्स्‍ट फ्लोर पर तीन मंडप है और इसके ऊपर दो मंडप है. लेकिन इसके अलावा कोई अंतर नहीं है. उन्‍होंने बताया कि दूसरे तल पर भगवान से संबंधित दुर्लभ पांडुलिपियों को रखा जाएगा, जिसका एक अंतरराष्‍ट्रीय स्‍वरूप होगा. उन्‍होंने कहा कि द्वितीय तल पर बहुत ही सीमित लोग जा सकेंगे क्‍योंकि वहां पर दुर्लभ पांडुलिपियां होंगी. यदि न्‍यास कोई कार्यक्रम या यज्ञ करेगा तो उसे हम वहां पर करवाएंगे. उन्‍होंने कहा कि न्‍यास ने इसकी रूपरेखा तय नहीं की गई है, लेकिन न्‍यास की बैठकों में यह विचार उभरकर सामने आया है.  

भगवान राम के हर कार्य में मर्यादा झलकती है. तुलसीदास ने भगवान राम के शासन काल का अद्भुत वर्णन किया है. यही कारण है कि आज भी जब अच्‍छे शासन की बात होती है तो रामराज्‍य शब्‍द का इस्‍तेमाल किया जाता है.  

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com