उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में स्वत: मंजूरी मार्ग से 20 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति को अधिसूचित कर दिया है. डीपीआईआईटी ने सोमवार को यह अधिसूचना जारी की. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले महीने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के विनिवेश के फैसले को मंजूरी दी थी. सरकार के इस कदम से देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के विनिवेश में आसानी होगी. सरकार ने एलआईसी के शेयरों को आईपीओ के जरिए शेयर बाजार में सूचीबद्ध करने की मंजूरी दे दी है.
विदेशी निवेशक इस मेगा आईपीओ में भाग लेने के इच्छुक हो सकते हैं, हालांकि मौजूदा एफडीआई नीति के तहत एलआईसी में विदेशी निवेश का कोई विशेष प्रावधान नहीं है, जो एलआईसी अधिनियम, 1956 के तहत गठित एक सांविधिक निगम है.
चूंकि, इस समय एफडीआई नीति के अनुसार सरकारी अनुमोदन मार्ग के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में विदेशी निवेश की सीमा 20 प्रतिशत है, इसलिए एलआईसी और ऐसे अन्य कॉरपोरेट निकायों में 20 प्रतिशत तक विदेशी निवेश को मंजूरी देने का फैसला किया गया.
उल्लेखनीय है कि इस हिस्सेदारी की बिक्री से 63,000 करोड़ रुपये जुटाये जाने की उम्मीद है. आईपीओ भारत सरकार द्वारा पूरी तरह बिक्री पेशकश (ओएफएस) के रूप में है. एलआईसी के पास 28.3 करोड़ पॉलिसियों और 13.5 लाख एजेंटों के साथ नए प्रीमियम व्यापार में 66 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी थी. सरकार की कोशिश इस आईपीओ को मार्च में ही लाने की थी लेकिन मौजूदा भू-राजनीतिक एवं आर्थिक परिदृश्य में इसके टलने की संभावना बन रही है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं