श्रीनगर:
उत्तराखंड की आपदा के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर सरकार ने कहा है कि किसी भी गैर-पंजीकृत तीर्थयात्री को अमरनाथ और वैष्णो देवी मंदिर जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, चाहे अमरनाथजी हों या वैष्णोदेवीजी, हम प्रवेश अनियंत्रित नहीं होने देंगे, ताकि जो कुछ उत्तराखंड में हुआ, वह यहां नहीं हो। हम सभी जरूरी एहतियात बरत रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की परिस्थिति की तुलना कश्मीर में चल रही अमरनाथ यात्रा से नहीं की जा सकती, क्योंकि यहां आने वाले यात्रियों की संख्या पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण है। उन्होंने कहा, उत्तराखंड में लोग जहां जाना चाहते थे, उन्हें वहां जाने की पूरी आजादी थी। यहां हमने एक प्रवेश नियंत्रण प्रणाली बनाई है और पहली बार हमने 15,000 गैर-पंजीकृत तीर्थयात्रियों को वापस भेज दिया है।
उमर ने कहा कि पिछले कुछ सालों में बिना पंजीकरण के यात्री यहां पहुंच जाते थे, काफी शोरगुल करते थे और उन्हें यात्रा की इजाजत दे दी जाती थी। उमर अब्दुल्ला ने कहा, इस साल उत्तराखंड की आपदा को देखने के बाद हमने फैसला किया कि किसी गैर-पंजीकृत यात्री को अनुमति नहीं देंगे, क्योंकि वे बिना स्वास्थ्य जांच के आए हैं और उन पर कोई नियंत्रण भी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्रियों का प्रदेश में स्वागत है, लेकिन उन्हें तय प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं यहां आने की इच्छा रखने वाले तीर्थयात्रियों से कहना चाहता हूं कि बिना पंजीकरण के यहां नहीं आएं। हमने श्रीनगर में एक काउंटर खोला है। अगर वे यात्रा के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें पहले पंजीकरण कराना चाहिए और तभी आगे जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, चाहे अमरनाथजी हों या वैष्णोदेवीजी, हम प्रवेश अनियंत्रित नहीं होने देंगे, ताकि जो कुछ उत्तराखंड में हुआ, वह यहां नहीं हो। हम सभी जरूरी एहतियात बरत रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की परिस्थिति की तुलना कश्मीर में चल रही अमरनाथ यात्रा से नहीं की जा सकती, क्योंकि यहां आने वाले यात्रियों की संख्या पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण है। उन्होंने कहा, उत्तराखंड में लोग जहां जाना चाहते थे, उन्हें वहां जाने की पूरी आजादी थी। यहां हमने एक प्रवेश नियंत्रण प्रणाली बनाई है और पहली बार हमने 15,000 गैर-पंजीकृत तीर्थयात्रियों को वापस भेज दिया है।
उमर ने कहा कि पिछले कुछ सालों में बिना पंजीकरण के यात्री यहां पहुंच जाते थे, काफी शोरगुल करते थे और उन्हें यात्रा की इजाजत दे दी जाती थी। उमर अब्दुल्ला ने कहा, इस साल उत्तराखंड की आपदा को देखने के बाद हमने फैसला किया कि किसी गैर-पंजीकृत यात्री को अनुमति नहीं देंगे, क्योंकि वे बिना स्वास्थ्य जांच के आए हैं और उन पर कोई नियंत्रण भी नहीं है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्रियों का प्रदेश में स्वागत है, लेकिन उन्हें तय प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं यहां आने की इच्छा रखने वाले तीर्थयात्रियों से कहना चाहता हूं कि बिना पंजीकरण के यहां नहीं आएं। हमने श्रीनगर में एक काउंटर खोला है। अगर वे यात्रा के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें पहले पंजीकरण कराना चाहिए और तभी आगे जा सकते हैं।
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