केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि असम में जनजाति समुदाय के 73 लोगों की नृशंस हत्या एक आतंकवादी कृत्य है और ऐसा करने वाले लोगों से किसी भी कीमत पर बातचीत करने से इनकार किया।
कोकराझार तथा सोणितपुर जिले के हिंसा प्रभावित कुछ इलाकों के दौरे के बाद राजनाथ ने कहा, "असम में हुई हिंसा केवल उग्रवाद नहीं, बल्कि आतंकवाद का मामला है। हम इससे कठोरतापूर्वक निपटने जा रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि आतंकवाद को सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और इस तरह के आतंकवादी संगठनों से किसी भी कीमत पर बातचीत नहीं होगी।
बुधवार शाम राजनाथ सिह असम पहुंचे थे। इस बीच, मंगलवार शाम असम के कोकराझार, सोणितपुर तथा चिरांग जिले में हुई हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या बढ़कर 73 तक पहुंच गई है। कोकराझार जिले से बुधवार रात दो और शव बरामद किए गए।
मृतकों में 21 महिलाएं तथा 18 बच्चे शामिल हैं। इस हिंसा के दौरान दर्जनों लोग घायल हुए हैं। इस हिंसा के विरोध में सड़क पर उतरे हजारों लोगों पर पुलिस की गोलीबारी में जनजाति समुदाय के तीन और लोगों की मौत हो गई।
मंत्री ने असम सरकार से समयबद्ध तरीके से कार्रवाई करने के लिए कहा और केंद्र सरकार द्वारा हर प्रकार की मदद का वादा किया।
राजनाथ ने कहा कि अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियां राज्य में पहुंच चुकी हैं और स्थिति पर नियंत्रण के लिए सेना तथा असम राइफल्स को पुलिस का सहयोग करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने कहा, "एक देश ने सहयोग का आश्वासन दिया है और मुझे लगता है कि दूसरे भी ऐसा करेंगे।"
राजनाथ ने सोणितपुर जिले के प्रभावित कुछ क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान वे एक राहत शिविर गए और सुरक्षाकर्मियों के साथ बैठक की।
इस दौरान, गृह राज्यमंत्री किरण रिजुजू तथा जनजाति मामलों के मंत्री जुआल ओरम भी राजनाथ के साथ रहे।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) उग्रवादियों ने कोकराझार, सोणितपुर तथा चिरांग जिले में जनजाति समुदायों के निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसाई थीं।
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