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This Article is From Mar 15, 2021

हिमालयी क्षेत्र में अब नहीं दी जाएगी नए प्रोजेक्ट को मंजूरी, संसद में बोले पर्यावरण मंत्री

प्रकाश जावेड़कर ने कहा, "जो चमोली में हादसा हुआ, वो ऊपर ग्लेशियर के स्खलन होने के कारण  हुआ. ग्लेशियर टूटने के कारण मिट्टी और गाद नीचे आये और बाढ़ आई. ये हादसा पावर प्लांट की वजह से हुआ या नहीं? ये जांच चल रही है

हिमालयी क्षेत्र में अब नहीं दी जाएगी नए प्रोजेक्ट को मंजूरी, संसद में बोले पर्यावरण मंत्री
राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान सांसदों ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से चमोली हादसे को लेकर कई मुश्किल सवाल पूछे.
नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने संसद (Parliament) में कहा है कि फिलहाल हिमालयी क्षेत्र (Himalayan Region) में किसी नए डेवलपेंट प्रोजेक्ट की मंजूरी नहीं दी जाएगी. केंद्र सरकार का यह बयान चमोली में ग्लेशियर टूटने (Chamoli Glacier Burst) की प्राकृतिक आपदा के बाद आया है. सरकार ने सपा सांसद के सवाल पर यह जवाब दिया है. दरअसल, सोमवार को राज्य सभा में चमोली आपदा पर पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावेड़कर से हिमालय क्षेत्र में डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा को लेकर सपा सांसद  रेवती रमन सिंह ने कहा, "ग्लेशियर चमोली में इसलिए टूटा क्योंकि ऊपर टेम्परेचर कुछ थी और नीचे कुछ और था.. प्रकृति ने आपको चेतावनी दी है कि आप कोई भी हाइड्रो प्रोजेक्ट नहीं करेंगे". 

राज्यसभा में प्रश्न काल के दौरान सांसदों ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से चमोली हादसे को लेकर कई मुश्किल सवाल पूछे. सपा सांसद सुखराम सिंह यादव ने कहा, "उत्तराखंड में भयानक आपदा आयी, सैंकड़ो लोग मर गए... मना किया गया था कि जिस स्थान पर प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है, वो उचित नहीं है लेकिन सरकार ने ध्यान नहीं दिया."

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इसके जवाब में पर्यावरण मंत्री ने इस मसले पर भारत सरकार का रुख साफ़ करते हुए कहा, "देश में करीब 37,000 ग्लैशियर हैं. इनमे से कुछ पीछे हट रही हैं, तो कुछ आगे बढ़ रही हैं. Retreat of ग्लेशियर्स एक नेचुरल फिनोमिना है और यह क्लाइमेट चेंज से एग्रोवेट भी हो रहा है.  ऐसे में भारत सरकार ने उपरी गंगा रीजन में नए डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को अनुमति नहीं देने का फैसला किया है.

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प्रकाश जावेड़कर ने कहा, "जो चमोली में हादसा हुआ, वो ऊपर ग्लेशियर के स्खलन होने के कारण  हुआ. ग्लेशियर टूटने के कारण मिट्टी और गाद नीचे आये और बाढ़ आई. ये हादसा पावर प्लांट की वजह से हुआ या नहीं? ये जांच चल रही है. मैं यह कहना चाहता हूं कि Upper Ganga Region में पहले से जो सैंक्शंड प्रोजेक्ट्स हैं, उनके सिवा किसी नए प्रोजेक्ट को मंजूरी नहीं दी गई है और नहीं देंगे.  हालांकि पर्यावरण मंत्री ने कहा, "देश में हाइड्रो पावर की ज़रुरत है, क्योंकि वो क्लीन एनर्जी का स्रोत है."

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