बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ आया है. बिहार BJP ने बड़ा फैसला लेते हुए नीतीश कुमार की अगुवाई में ही विहार विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. भाजपा ने कहा है विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार के नाम पर ही ठप्पा लगा दिया. इससे मालूम होता है कि बिहार में अभी भी नीतीश कुमार की पकड़ ज्यादा मजबूत है.
वर्तमान में नीतीश कुमार ‘मिशन बिहार' पर निकल चुके हैं. नीतीश कुमार सोमवार को ‘प्रगति यात्रा' के पहले चरण की शुरुआत पश्चिम चंपारण से कर चुके हैं. हालांकि, इस यात्रा के शुरू होने के वक्त राज्य के दोनों डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी नजर नहीं आए.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी यात्रा की शुरुआत बेतिया के वाल्मीकि नगर के घोटवा टोला से की. मुख्यमंत्री इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में गए और लोगों की राय भी ली. अपनी यात्रा के दौरान सीएम कुमार ने करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी किया.
महिला वोटर्स पर निशाना
इस यात्रा के जरिए नीतीश कुमार महिलाओं से संवाद कर रहे हैं. उनकी समस्याओं को समझ रहे हैं और निवारण के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दे रहे हैं. यात्रा के पहले चरण में मुख्यमंत्री 23 से 28 दिसंबर तक छह जिलों में जाएंगे. कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश 24 दिसंबर को पूर्वी चंपारण, 26 को शिवहर-सीतामढ़ी, 27 को मुजफ्फरपुर और 28 दिसंबर को वैशाली का दौरा करेंगे.
अमित शाह का बयान
बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह के एक बयान ने बिहार में एनडीए हरकत में आ गया. दरअसल अमित शाह ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में कहा था कि बिहार में अगला चुनाव किसके चेहरे पर लड़ा जाएगा, इसका फैसला बीजेपी और जेडीयू की बैठक में लिया जाएगा. यह खबर बिहार पहुंची तो वहां राजनीतिक गलियारे में हलचल होने लगी.बैठकों का दौर चलने लगा. इन बैठकों के बाद कहा गया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा होंगे और मुख्यमंत्री भी वही बनेंगे. बिहार में एनडीए के नेतृत्व को लेकर सवाल इसलिए भी उठाए जा रहे हैं, क्योंकि इससे पहले महाराष्ट्र में महायुति ने शिवसेना के एकनाथ शिंदे के चेहरे पर चुनाव लड़ा. लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद सीएम बने बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस.
सम्राट चौधरी ने भी जताई सहमति
बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी (Samrat Choudhary) ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) अगले साल बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ेगा. भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि आगामी विधानसभा चुनाव में क्या राजग कुमार को अपने नेता के तौर पर पेश करने पर पुनर्विचार कर सकता है, तो इस पर उन्होंने कहा, ''कोई भ्रम नहीं है.'
बिहार के लिए कितना जरूरी हैं नीतीश कुमार
दरअसल बिहार में बीजेपी यह जानती है कि एनडीए के लिए नीतीश कुमार अनिवार्य हैं. इसलिए चुनाव से पहले वो ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगी, जिससे वो नाराज हो जाएं. यही वजह थी कि अमित शाह के बयान के बाद बिहार बीजेपी के अध्यक्ष को आगे आकर यह कहना पड़ा कि 2025 के चुनाव में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे. राजनीति के जानकारों का कहना है कि बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार की अहमियत है, ऐसे में बीजेपी को अपना मुख्यमंत्री बनाने के लिए तबतक इंतजार करना होगा, जब तक कि नीतीश कुमार खुद ही सक्रिय राजनीति से न हट जाएं. यही वजह है कि बीजेपी के साथ-साथ एनडीए में शामिल जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और चिराग पासवान की लोजपा को भी नीतीश कुमार का नेतृत्व स्वीकार्य है.
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