
- कोर्ट ने बीएमडब्ल्यू एक्सीडेंट केस में मुख्य आरोपी गगनप्रीत कौर को एक लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दी है.
- कोर्ट ने दुर्घटना के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गैर इरादतन हत्या के आरोप को कमजोर माना और जमानत दी है.
- कोर्ट ने एम्बुलेंस ड्राइवर और पैरामेडिक की मदद न करने पर कड़ी फटकार लगाई और मानवता न दिखाने की निंदा की है.
दिल्ली के बीएमडब्लूए एक्सीडेंट केस (BMW Accident Case ) में आरोपी गगनप्रीत कौर को पिछले दिनों जमानत मिल गई है. पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को गगनप्रीत को जमानत दी है. साथ ही कोर्ट ने एम्बुलेंस ड्राइवर के कृत्य की निंदा की, जो घटना के कुछ ही मिनटों के भीतर घटनास्थल पर पहुंचने के बावजूद पीड़ितों की मदद करने में असफल रहा. आपको बता दें कि 14 सितंबर को धौला कुंआ में हुए एक एक्सीडेंट में वित्त मंत्रालय के नवजोत सिंह की मृत्यु हो गई थी जबकि उनकी पत्नी गंभीर तौर पर घायल हो गई थीं.
भरना पड़ा 1 लाख रुपये का बॉन्ड
ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट अंकित गर्ग ने 38 साल की गगनप्रीत कौर को 1 लाख रुपये के बॉन्ड पर जमानत दी है. कोर्ट ने बीएमडब्ल्यू दुर्घटना की मुख्य आरोपी गगनप्रीत कौर को जमानत देते हुए कहा कि दुर्घटना के सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि गैर इरादतन हत्या का आरोप 'कमजोर आधार' पर आधारित है. घटना के कुछ ही सेकेंड बाद ही घटनास्थल पर पहुंचे एम्बुलेंस ड्राइवर और एक पैरामेडिक को 'मानवता' न दिखाने और अपनी ड्यूटी निभाने में असफल रहने के लिए कोर्ट ने फटकार भी लगाई.
एम्बुलेंस पर भी सवाल
कोर्ट ने कहा कि फुटेज में प्राइमरी गोल्डन-ऑवर की चूक उनकी वजह से हुई, जिन्होंने घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने के बावजूद कोई मदद नहीं की. वहीं कोर्ट ने इस बात पर भी हैरानी भी जताई कि एक डीटीसी बस दुर्घटना के बाद भी लापरवाही से वहीं से गुजर गई. कोर्ट के अनुसार यह बस, मोटरसाइकिल के संपर्क में आई थी. इससे पहले कोर्ट ने गुरुवार को जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. कोर्ट ने पुलिस से पूछा था कि उन्होंने एम्बुलेंस चालक के खिलाफ क्या कार्रवाई की, जो 14 सितंबर को बीएमडब्ल्यू कार दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने से इनकार करने पर अस्पताल जा रहा था, जब वह दुर्घटनास्थल से गुजरी.
जमानत के समय क्या कहा बोले जज
कोर्ट ने न्यायिक मिसालों पर जोर दिया और कहा बेगुनाही की धारणा, जमानत एक आदर्श है और जेल अपवाद है. कोर्ट के शब्दों में, ' इन कसौटियों पर परखा जाए तो मौजूदा मामला खासकर सीसीटीवी रिकॉर्ड के मद्देनजर, जमानत के पक्ष में है और सुरक्षा उपायों के साथ.' कोर्ट ने कहा कि फुटेज के अनुसार, कार नियंत्रण खो बैठी, डिवाइडर से टकराई, पलटी और पलटते हुए मोटरसाइकिल सवार से टकरा गई. इसके बाद मोटरसाइकिल सवार एक बस से टकरा गए, और पीछे बैठा व्यक्ति बीएमडब्ल्यू कार के सामने गिर गया, जबकि मोटरसाइकिल चालक उसके नीचे कुचल गया.
बस के रवैये पर हैरानी
अदालत ने कहा, 'हैरानी की बात यह है कि जिस डीटीसी बस की चपेट में मोटरसाइकिल आती है, वह रुकती तक नहीं है. वह बस थोड़ी देर के लिए धीमी हो जाती है और फिर दुर्घटना के प्रभाव की परवाह किए बिना आगे बढ़ जाती है.' कोर्ट के अनुसार फुटेज में मोटरसाइकिल को पीछे से सीधे और जानबूझकर तेज गति से टक्कर मारने का नहीं, बल्कि नियंत्रण खोने और पलटने का दृश्य है, जिसके कारण कार और बस में दुखद टक्कर हुई.
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