नीतीश कुमार की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
जनता परिवार के विलय पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद के साथ मतभेदों को दूर करने के लिए बुलाई गयी महत्वपूर्ण बैठक से नदारद रहे।
लालू प्रसाद ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी विरोधी गठबंधन में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को शामिल करने का विचार पेश किया जो नीतीश कुमार के प्रबल विरोधी हैं।
नीतीश कुमार दिल्ली में थे, उन्होंने लालू प्रसाद और समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव से बातचीत के लिए जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव को भेजा। मुलायम सिंह यादव को जनता परिवार के छह दलों के औपचारिक विलय के बाद प्रस्तावित इकाई का अध्यक्ष मनोनीत किया गया था।
हालांकि कुमार के सहयोगियों ने बताया कि उनकी आंख का छोटा सा ऑपरेशन हुआ है और उन्हें आराम करने की सलाह दी गई है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद ने बैठक में मांझी को ‘महागठबंधन’ में शामिल करने का औपचारिक रूप से विचार रखा।
सूत्रों ने कहा कि लालू प्रसाद ने राजद और जदयू के बीच विलय पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय बीजेपी के खिलाफ एक ‘महागठबंधन’ की बात की जिसमें वाम दलों सहित सभी गैर एनडीए दल शामिल हों। सूत्रों के मुताबिक लालू विलय को लेकर इच्छुक नहीं हैं और चाहते कि बिहार में दोनों दल गठबंधन सहयोगी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे और चुनाव लड़ने के लिए उनकी पार्टी को टिकटों में ज्यादा हिस्सेदारी मिले।
लालू नीतीश कुमार को भावी मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने को भी इच्छुक नजर नहीं आ रहे हैं। दूसरी ओर जेडीयू चाहती है कि लालू नीतीश कुमार को विलय के बाद बनने वाली इकाई के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में समर्थन करें।
जनता परिवार के छह दलों, समाजवादी पार्टी, जेडीयू, जेडी(एस), आरजेडी, इनेलो और समाजवादी जनता पार्टी ने 15 अप्रैल को अपने विलय की घोषणा की थी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को नए दल का प्रमुख घोषित किया गया था।
लेकिन ऐसे संकेत आ रहे हैं कि सपा और आरजेडी इस पर दोबारा गौर करना चाहते हैं। समाजवादी पार्टी का मानना है कि इस तरह के विलय का उसे कोई बहुत लाभ नहीं होगा जबकि लालू प्रसाद को आशंका है कि बिहार में नीतीश कुमार को उनके मुकाबले ज्यादा फायदा हो सकता है, बावजूद इसके कि उनकी पार्टी आरजेडी का समर्थन आधार जेडीयू से ज्यादा बड़ा है।
हालांकि औपचारिक रूप से लालू प्रसाद ने कहा कि एकता का प्रयास जारी है और उन खबरों को खारिज किया कि हाल के घटनाक्रम को लेकर नीतीश कुमार अप्रसन्न हैं। लालू ने कहा, ‘मेरा किसी के साथ कोई मतभेद नहीं है।
जनता परिवार के विलय के मार्ग में बाधाओं को दूर करने के प्रयास के तहत होने वाली इस बैठक से एक दिन पहले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने गुरुवार को कहा था कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को बीजेपी के खिलाफ ‘व्यापक एकता’ का हिस्सा होना चाहिए।
नीतीश कुमार के विरोधी समझे जाने वाले मांझी ने मुख्यमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा बनाया है।
लालू प्रसाद ने बिहार विधानसभा चुनावों के लिए बीजेपी विरोधी गठबंधन में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को शामिल करने का विचार पेश किया जो नीतीश कुमार के प्रबल विरोधी हैं।
नीतीश कुमार दिल्ली में थे, उन्होंने लालू प्रसाद और समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव से बातचीत के लिए जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव को भेजा। मुलायम सिंह यादव को जनता परिवार के छह दलों के औपचारिक विलय के बाद प्रस्तावित इकाई का अध्यक्ष मनोनीत किया गया था।
हालांकि कुमार के सहयोगियों ने बताया कि उनकी आंख का छोटा सा ऑपरेशन हुआ है और उन्हें आराम करने की सलाह दी गई है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि लालू प्रसाद ने बैठक में मांझी को ‘महागठबंधन’ में शामिल करने का औपचारिक रूप से विचार रखा।
सूत्रों ने कहा कि लालू प्रसाद ने राजद और जदयू के बीच विलय पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय बीजेपी के खिलाफ एक ‘महागठबंधन’ की बात की जिसमें वाम दलों सहित सभी गैर एनडीए दल शामिल हों। सूत्रों के मुताबिक लालू विलय को लेकर इच्छुक नहीं हैं और चाहते कि बिहार में दोनों दल गठबंधन सहयोगी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे और चुनाव लड़ने के लिए उनकी पार्टी को टिकटों में ज्यादा हिस्सेदारी मिले।
लालू नीतीश कुमार को भावी मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने को भी इच्छुक नजर नहीं आ रहे हैं। दूसरी ओर जेडीयू चाहती है कि लालू नीतीश कुमार को विलय के बाद बनने वाली इकाई के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में समर्थन करें।
जनता परिवार के छह दलों, समाजवादी पार्टी, जेडीयू, जेडी(एस), आरजेडी, इनेलो और समाजवादी जनता पार्टी ने 15 अप्रैल को अपने विलय की घोषणा की थी और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को नए दल का प्रमुख घोषित किया गया था।
लेकिन ऐसे संकेत आ रहे हैं कि सपा और आरजेडी इस पर दोबारा गौर करना चाहते हैं। समाजवादी पार्टी का मानना है कि इस तरह के विलय का उसे कोई बहुत लाभ नहीं होगा जबकि लालू प्रसाद को आशंका है कि बिहार में नीतीश कुमार को उनके मुकाबले ज्यादा फायदा हो सकता है, बावजूद इसके कि उनकी पार्टी आरजेडी का समर्थन आधार जेडीयू से ज्यादा बड़ा है।
हालांकि औपचारिक रूप से लालू प्रसाद ने कहा कि एकता का प्रयास जारी है और उन खबरों को खारिज किया कि हाल के घटनाक्रम को लेकर नीतीश कुमार अप्रसन्न हैं। लालू ने कहा, ‘मेरा किसी के साथ कोई मतभेद नहीं है।
जनता परिवार के विलय के मार्ग में बाधाओं को दूर करने के प्रयास के तहत होने वाली इस बैठक से एक दिन पहले आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने गुरुवार को कहा था कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को बीजेपी के खिलाफ ‘व्यापक एकता’ का हिस्सा होना चाहिए।
नीतीश कुमार के विरोधी समझे जाने वाले मांझी ने मुख्यमंत्री पद से अपदस्थ होने के बाद हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा बनाया है।
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