कश्मीर घाटी को लद्दाख क्षेत्र से जोड़ने वाली सामरिक रूप से महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग के निर्माण का काम पूरी गति से चल रहा है और लगभग 40 प्रतिशत खुदाई का काम पूरा हो चुका है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी कश्मीर के ज़ोजिला सुरंग के काम का आज जायज़ा लिया, उनके साथ जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी थे. उम्मीद जताई है कि यह परियोजना दिसंबर, 2026 तक पूरी हो जाएगी. श्रीनगर-करगिल-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर 11,578 फुट की ऊंचाई पर जोजिला दर्रे में निर्माणाधीन यह सुरंग परियोजना सामरिक महत्व रखती है, क्योंकि सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण राजमार्ग बंद हो जाता है जिससे लद्दाख क्षेत्र का कश्मीर घाटी से संपर्क टूट जाता है.
जोजिला सुरंग कश्मीर के गांदेरबल जिले में बालटाल को लद्दाख में करगिल जिले के द्रास कस्बे में मिनीमार्ग को जोड़ेगी. सोनमर्ग से बालटाल तक 18 किलोमीटर लंबा संपर्क मार्ग है, जबकि मुख्य सुरंग की लंबाई 13 किलोमीटर है.
इस सुरंग का निर्माण करने वाली कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) के परियोजना प्रमुख हरपाल सिंह ने कहा कि इसका काम पूरी रफ्तार से चल रहा है. उन्होंने कहा, "भारत सरकार की यह परियोजना बेहद क्रांतिकारी है. सोनमर्ग से मिनीमार्ग तक इस परियोजना की कुल लंबाई 31 किलोमीटर है. सोनमर्ग से बालटाल तक 18 किलोमीटर लंबा मार्ग है और उसके बाद बालटाल से मिनीमर्ग तक मुख्य सुरंग 13 किलोमीटर की है. दोनों परियोजनाओं पर तेज गति से काम चल रहा है."
सिंह ने कहा कि जनवरी में बार-बार हिमस्खलन होने के कारण दो महीने तक काम बंद करना पड़ा था. हिमस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई थी और निर्माण कंपनी के 38 निर्माण उपकरण बर्फ में दब गए थे, जो अभी तक नहीं मिल पाए हैं. उन्होंने कहा, "वह एक अस्थायी व्यवधान था. उम्मीद है कि पूरी परियोजना दिसंबर, 2026 तक पूरी हो जाएगी." केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की अगुआई वाली सड़क परिवहन और राजमार्ग पर संसदीय सलाहकार समिति इस परियोजना का निरीक्षण करने के लिए सोमवार को पहुंच रही है.
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