निर्भया गैंगरेप मामले में दोषी मुकेश की आखिरी चाल भी काम नहीं आई. सुप्रीम कोर्ट ने उसे झटका देते हुए कहा कि फिर से क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दाखिल करने का मौका नहीं मिलेगा. जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने दोषी मुकेश की याचिका खारिज कर दी. मुकेश ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि उसकी पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर ने उस पर दबाव डाल कर क्यूरेटिव याचिका दाखिल करवाई थी. मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि उसे फिर से क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दाखिल करने का मौका दिया जाए. लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका को खारिज करते हुए उसकी मांग को ठुकरा दिया. अब मामले के सभी दोषियों को 20 मार्च की सुबह 5.30 बजे ही फांसी होगी.
कोर्ट ने कहा कि दोषी अपने सारे उपाय पूरे कर चुका है. उसके पास कोई भी कानूनी अधिकार मौजूद नहीं है.
बता दें, मुकेश ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उसकी पूर्व वकील वृंदा ग्रोवर ने उस पर दबाव डालकर क्यूरेटिव याचिका दाखिल करवाई थी. मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि उसे फिर से क्यूरेटिव याचिका और दया याचिका दाखिल करने का मौका दिया जाए. एमएल शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में मुकेश सिंह ने याचिका दायर करने की तारीख से तीन साल तक क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने की सीमा अवधि का दावा किया था. बता दें, उसकी पुनर्विचार याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2018 में खारिज कर दिया था.
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