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संदिग्ध दस्तावेज, पाक इंटेलिजेंस से कनेक्शन... 8 राज्यों में 15 ठिकानों पर NIA की छापेमारी में क्या खुलासा हुआ?

छापेमारी के दौरान NIA की टीमों ने कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़, संदिग्ध दस्तावेज़ और कुछ अहम फाइनेंशियल पेपर्स भी जब्त किए हैं. ये सब अब जांच के लिए एनालाइज किए जा रहे हैं, ताकि इस पूरे जासूसी नेटवर्क की परतें खोली जा सकें.

नई दिल्ली:

पाकिस्तान से जुड़े जासूसी मामले में NIA यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने शनिवार को एक बड़ा एक्शन लिया है. एजेंसी ने देश के 8 राज्यों में फैले 15 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. ये छापेमारी दिल्ली, मुंबई (महाराष्ट्र), हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल में की गई. जिन लोगों के यहां रेड की गई, उनका संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी यानी पाक इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (PIOs) से बताया जा रहा है.

सीआरपीएफ के ASI मोतीराम जाट जिसे हाल में NIA ने गिरफ्तार किया था जासूसी मामले में, NIA ने  उसी केस में छापेमारी की है. मोतीराम जाट को 20 मई को NIA ने गिरफ्तार किया था. मोतीराम जाट पहलगाम हमले से पहले वहीं पोस्टेड था. हमले से पांच दिन पहले ASI मोतीराम जाट का पहलगाम से ट्रांसफर किया गया था. हालांकि, मोतीराम की पहलगाम हमले में भूमिका अभी तक सामने नहीं आई है. NIA के डीजी ने बताया है कि अभी तक की जांच में इसका पहलगाम हमले से कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है.

छापेमारी के दौरान NIA की टीमों ने कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़, संदिग्ध दस्तावेज़ और कुछ अहम फाइनेंशियल पेपर्स भी जब्त किए हैं. ये सब अब जांच के लिए एनालाइज किए जा रहे हैं, ताकि इस पूरे जासूसी नेटवर्क की परतें खोली जा सकें.

NIA की जांच में सामने आया है कि जिन लोगों के यहां रेड की गई, उनका सीधा कनेक्शन पाकिस्तान में बैठे ऑपरेटिव्स से था. ये लोग जासूसी के लिए फाइनेंशियल चैनल के तौर पर काम कर रहे थे. यानी पैसे के बदले में भारत से जुड़ी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को भेज रहे थे.

इस मामले में NIA ने 20 मई 2025 को केस दर्ज किया था. इससे पहले एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था जो 2023 से पाकिस्तान को संवेदनशील जानकारी भेज रहा था. इसके बदले उसे भारत में कई सोर्सेस से पैसे मिल रहे थे. अब इस केस में NIA ने और कड़ियां जोड़ते हुए आज ये बड़ी कार्रवाई की है. केस में BNS 2023 की धाराएं 61(2), 147, 148, साथ ही ऑफिसियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 की धाराएं 3 और 5 और यूएपीए एक्ट 1967 की धारा 18 के तहत जांच चल रही है.

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