- NIA ने लाल किला आतंकी हमले में आत्मघाती हमलावर उमर मोहम्मद के सहयोगी आमीर राशिद अली को गिरफ्तार किया है
- आमीर राशिद अली ने दिल्ली में धमाके में इस्तेमाल हुई कार खरीदी थी, जो उसके नाम पर रजिस्टर्ड है
- NIA की टीमें पंजाब, यूपी, हरियाणा, मध्य प्रदेश, दिल्ली और जम्मू कश्मीर में छापेमारी कर रही हैं
लाल किला आतंकी हमले में NIA को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. NIA ने इस मामले में आत्मघाती हमलावर डॉ.उमर मोहम्मद की मदद करने वाले उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया है. पुलिस फिलहाल गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर रही है. NIA ने गिरफ्तार आतंकी की पहचान आमीर राशिद अली के रूप में की है. आमीर मूल रूप से कश्मीर का रहने वाला है. आमिर पर आरोप है कि उसने उमर के साथ मिलकर इस धमाके की साजिश रची थी. दिल्ल में धमाके में जिस कार का इस्तेमाल किया गया था वो भी आमिर राशिद अली के नाम पर ही रजिस्टर्ड है. NIA ने दिल्ली में हुए धमाके को पहला ऐसा सुसाइड अटैक माना है.
NIA की जांच में पता चला है कि जम्मू-कश्मीर के पंपोर के संबूरा का रहने वाले आमीर राशिद अली धमाके में इस्तेमाल की गई कार को खरीदने के लिए कुछ महीने पहले ही दिल्ली आए थे. यहां से कार खरीदने के बाद ही उस कार में बम को सेट किया गया. जांच में पता चला है कि आमिर ने इस पूरी साजिश को कथित आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी के साथ मिलकर अंजाम दिया.उमर पुलवामा का निवासी था और हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर था.
NIA के मुताबिक आमिर विशेष रूप से दिल्ली आया था ताकि धमाके के लिए कार खरीदी जा सके.यही कार बाद में VBIED (Vehicle-Borne Improvised Explosive Device) में बदल दी गई. फॉरेंसिक जांच से यह भी पुष्टि हो गई कि कार चलाने वाला मृत ड्राइवर उमर ही था. NIA ने उमर उन नबी की एक और कार भी जब्त की है. फिलहाल इस वाहन की गहन जांच चल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसे इस साजिश में कैसे और कितना इस्तेमाल किया गया था.
आपको बता दें कि एजेंसी अब तक 73 गवाहों और घायलों के बयान दर्ज कर चुकी है. कई तकनीकी और डिजिटल सबूत भी मिले हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है. NIA इस जांच में दिल्ली पुलिस, जम्मू-कश्मीर पुलिस, हरियाणा पुलिस, यूपी पुलिस और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है. जांच टीम अब बड़े नेटवर्क को पकड़ने, फंडिंग के सोर्स का पता लगाने और मास्टरमाइंड्स की पहचान करने पर फोकस कर रही है.
एजेंसी कई लीड्स पर काम कर रही है और जांच को जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा और यूपी तक चल रही है. माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे बड़ी आतंकी साजिश है, जिसे NIA जल्द पूरी तरह उजागर कर सकती है. यह गिरफ्तारी मामले में अब तक की सबसे बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इससे पूरे मॉड्यूल और नेटवर्क की दिशा साफ हो रही है.
आपको बता दें कि NIA आमीर की गिरफ्तारी के अलावा इस धमाके से जुड़े अन्य संदिग्धों की भी तलाश में है. यही वजह है कि NIA की जांच जम्मू कश्मीर समेत 6 राज्यों तक पहुंच चुकी है. पंजाब, यूपी, हरियाणा, मध्य प्रदेश,दिल्ली और जम्मू कश्मीर में जांच जारी है. NIA की टीमें लगातार छापेमारी कर रही हैं. NIA के डीजी सदानंत दाते खुद जांच की कमान संभाल रहे हैं. NIA डीजी श्रीनगर में इस समय हैं. श्रीनगर में डॉक्टर आदिल, डॉक्टर मुजम्मिल, डॉक्टर शाहीन और बाकी आरोपियों से NIA पूछताछ कर रही है.
आज जीएमसी अनंतनाग में अंतिम वर्ष की छात्रा हरियाणा की डॉ. प्रियंका शर्मा को भी पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. वह रोहतक की निवासी हैं. सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या उनका डॉ. अदील या डॉ. उमर से कोई संबंध था.
ये अन्य डॉक्टर भी हिरासत में
दिल्ली धमाका मामले में अब तक 15 से ज्यादा डॉक्टर हिरासत में हैं. दर्जनों डॉक्टर एजेंसी के रडार पर हैं. बड़ी संख्या में डॉक्टरों को सोशल मीडिया ग्रुप्स में जोड़कर रेड़ीकिलाइज़ किया गया. अब तक डिटेन किए गए डॉक्टर बंगाल के दिनाजपुर से अल फलाह यूनिवर्सिटी के डॉक्टर निसार आलम, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से एक डॉक्टर, मेवात से तीन डॉक्टर, सुनेहरा गांव (फिरोज़पुर झिरका) का डॉ. मुश्तकीम (जो चीन से एमबीबीएस पूरा करके लौटा है और अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में इंटर्नशिप कर रहा है) , अहमदबस गांव का डॉ. मोहम्मद, डॉ. रेहान हयात (जिसने अल-फलाह से एमबीबीएस करने के बाद अब तावड़ू के एक निजी अस्पताल में काम करना शुरू किया है), पठानकोट से अल फलाह यूनिवर्सिटी का पूर्व डॉक्टर रईस अहमद भट्ट (इसने अल-फलाह यूनिवर्सिटी में 2020- 21 में काम किया).
वहीं,यूपी के हापुड़ से डॉक्टर फारूक (जो जीएस मेडिकल कॉलेज में पढ़ा रहा है व उसने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. और जम्मू कश्मीर का रहने वाला है), कानपुर से कार्डियोलॉजिस्ट आरिफ (जो अनंतनाग का रहने वाला है और डॉक्टर शाहीन का काफी करीबी है. शाहीना उसके साथ 2006 से 2016 तक काम कर चुकी है), डॉक्टर परवेज को लखनऊ से (जो शाहीना का भाई है), फरीदाबाद से अल-फलाह यूनिवर्सिटी के कई और डॉक्टर और स्टाफ मेंबर शामिल हैं.
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