इस वक्त देश के ज्यादातर हिस्सों में तेज बारिश का कहर देखने को मिल रहा है. खासकर पहाड़ी इलाकों की बारिश से तो और खतरनाक होती दिख रही है. आलम ये है कि जोरदार बारिश की वजह से हिमाचल के कुल्लू में ब्यास नदी के उफान आने से राष्ट्रीय राजमार्ग 3 का एक हिस्सा बह गया. सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो भी सामने आया है. जिसमें दिख रहा है खतरनाक रूप ले चुकी ब्यास नदी ने राष्ट्रीय राजमार्ग 3 के एक हिस्से को बहा दिया है.
शिमला स्थित मौसम विभाग कार्यालय ने हिमाचल प्रदेश के सात जिलों के लिए ‘रेड' अलर्ट जारी करते हुए आठ-नौ जुलाई को अत्यधिक भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की थी. सोलन जिले के कसौली में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से तीन निर्माणाधीन इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. अधिकारियों ने बताया कि इमारतों के निवासियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. उन्होंने कहा कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.
#WATCH | Portion of National Highway 3 washed away by overflowing Beas river in Kullu, Himachal Pradesh pic.twitter.com/c8gRsvSkt5
— ANI (@ANI) July 9, 2023
मौसम विभाग ने एक बयान में कहा कि सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के असर के कारण नौ जुलाई को भी चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर जिलों में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने की आशंका है. अत्यधिक भारी बारिश से संबंधित ‘रेड' अलर्ट एक दिन में 204 मिलीमीटर से अधिक बारिश की संभावना को दर्शाता है. मौसम विभाग ने शिमला, सिरमौर, सोलन और लाहौल एवं स्पीति के लिए ‘ऑरेंज' अलर्ट जारी करते हुए वहां आठ-नौ जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश होने की चेतावनी दी है.
विभाग ने राज्य में 13 जुलाई तक बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है. मौसम विभाग ने कांगड़ा, चंबा, शिमला, मंडी, कुल्लू, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों में नदियों में बाढ़ आने की आशंका को लेकर भी सतर्क किया है तथा निचले एवं मध्य पर्वतीय इलाकों में पानी, बिजली की आपूर्ति एवं संचार की सुविधाओं में रुकावट की भी आशंका जताई है.
भारी बारिश के कारण कभी-कभी दृश्यता में कमी हो सकती है और लोगों को उन क्षेत्रों से बचने की सलाह दी गई है, जहां जलजमाव की समस्या रहती है. ब्यास नदी और उसकी सहायक नदियों के खतरे के निशान से ऊपर बहने की सूचना है. बारिश के कारण 91 सड़कें वाहनों के आवागमन के लिए बंद हैं और 73 जल आपूर्ति योजनाएं और 69 ट्रांसफॉर्मर बाधित हुए हैं. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, इस मॉनसून के मौसम के दौरान हिमाचल प्रदेश को अब तक 352 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
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