राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले ठोस और तरल अपशिष्ट का प्रबंधन नहीं करने के लिए एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने पंजाब पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है.
एनजीटी ने अपने फैसले में कहा है कि पंजाब 2014 से प्रदूषण नियंत्रण उपायों के लिए वैधानिक समय सीमा का पालन करने में विफल रहा है. इसके साथ ही सीवेज प्रबंधन, जल प्रदूषण और जल प्रदूषण नियंत्रण डिवाइस लगाने में विफल रहा है. इतना ही नहीं एनजीटी ने पंजाब सरकार को प्रदूषण फैलाने वालों से 2080 करोड़ रुपये के जुर्माने को वसूलने के लिए कहा है.
एनजीटी ने कहा कि पर्यावरणीय मानदंडों का बड़े पैमाने पर पालन नहीं किया गया, इसकी वजह से मौत और बीमारियां और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा, जबकि इसके लिए जवाबदेही भी तय नहीं की गई.
बता दें, गत सप्ताह एनजीटी ने राजस्थान सरकार को ठोस और तरल कचरे के अनुचित प्रबंधन के लिए पर्यावरण संबंधी मुआवजे के रूप में 3,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था. इसी प्रकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने उत्तर प्रदेश सरकार को प्रतापगढ़, रायबरेली और जौनपुर जिलों में तरल कचरे के अपर्याप्त प्रबंधन के लिए 100 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया था.
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