विज्ञापन
This Article is From Dec 10, 2015

गंगा किनारे कौडियाला से ऋषिकेश तक प्‍लास्टिक के इस्‍तेमाल पर एनजीटी की रोक

गंगा किनारे कौडियाला से ऋषिकेश तक प्‍लास्टिक के इस्‍तेमाल पर एनजीटी की रोक
गंगा नदी (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्‍ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल (एनजीटी) ने गुरुवार को उत्तराखंड में गंगा नदी के किनारे कौडियाला से ऋषिकेश तक के समूचे क्षेत्र में कैंपिंग गतिविधियों पर नियामक इकाई के प्रभाव में आने तक रोक लगा दी, लेकिन तत्काल प्रभाव से एडवेंचर स्पोर्ट राफ्टिंग को अनुमति दे दी। इसके साथ ही ट्रिब्‍यूनल ने फैसले के अंतर्गत आने वाले समूचे क्षेत्र में प्लास्टिक की किसी भी चीज के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी ।

कोई कैंपिंग गतिव‍िधि नहीं होगी
एनजीटी अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कहा, 'इस फैसले के संदर्भ में नियामक इकाई के प्रभाव में आने और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित होने तक कौडियाला से लेकर ऋषिकेश तक समूचे क्षेत्र में कोई कैंपिंग गतिविधि नहीं होगी और सरकार अधिकरण के समक्ष 31 मार्च 2015 को दिए अपने बयान से बंधी होगी।'

हरित अधिकरण ने हालांकि साफ किया कि राफ्टिंग से नदी या वातावरण में कोई गंभीर प्रदूषण नहीं होता है और कहा, 'हम राफ्टिंग गतिविधि को तत्काल प्रभाव से जारी रखने की अनुमति देते हैं ।' पीठ का आदेश एनजीओ 'सोशल एक्शन फॉर फॉरेस्ट एंड एनवायरमेंट' की याचिका पर आया जो गंगा नदी के किनारे राफ्टिंग शिविरों के 'अनियंत्रित' संचालन के खिलाफ दायर की गई थी ।

समिति का भी किया गठन
अधिकरण ने एक नियामक इकाई तैयार करने के लिए केंद्र और उत्तराखंड सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों की एक समिति भी गठित की जिसकी रिपोर्ट अधिकरण को तीन हफ्ते के भीतर सौंप दी जानी चाहिए। इसने कहा कि त्वरित प्रभाव आकलन रिपोर्ट को प्रासंगिक दस्तावेज के रूप में माना जाना चाहिए और समिति खुद की संतुष्टि के लिए आगे का सर्वेक्षण करेगी।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल, कैंपिंग गतिविधि, राफ्टिंग, National Green Tribunal, Camping Activity, Rafting, Plastic Items
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com