संसद के विशेष सत्र का बुधवार को तीसरा दिन है. महिला आरक्षण बिल (Women's Reservation Bill)पर चर्चा के बीच नया विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस (Congress)ने आरोप लगाया है कि नई संसद (New Parliament) के उद्घाटन के दौरान सांसदों को संविधान (Indian Constitution) की जो कॉपी बांटी गई है, उसमें छपी प्रस्तावना से 'सेक्युलर' और 'सोशलिस्ट' शब्द हटा दिए गए हैं. इसके जवाब में सरकार ने कहा है कि संविधान की कॉपी में मूल संविधान की प्रस्तावना शामिल की गई है. जिसमें 'सेक्युलर' और 'सोशलिस्ट' शब्द नहीं थे. संविधान की प्रस्तावना में ये दोनों शब्द 1976 में 42वें संशोधन के जरिए शामिल किए गए थे.
इस पूरे मामले में NDTV ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से खास बात की. विपक्ष के आरोपों पर गिरिराज सिंह ने कहा, "संविधान की ओरिजनल कॉपी में यही है. आप सब जानते हैं कि आपातकाल लगने के दौरान ही संविधान में संशोधन करके 'सेक्युलर' और 'सोशलिस्ट' शब्द को जोड़ा गया. ये दोनों शब्द ओरिजनल कॉपी में नहीं है. लिहाजा कांग्रेस को संविधान की कॉपी को लेकर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. मेरी समझ से विपक्ष बात का बतंगड़ बना रहा है."
गिरिराज ने कहा, "विपक्ष को दो शब्दों को लेकर गलत नहीं समझना चाहिए. सरकार ने सांसदों को मूल संविधान की कॉपी दी है, उसमें कुछ काट-छांट नहीं की गई. जो चीज पहले थी, उसे वैसे ही दी गई है."
कांग्रेस ने कहा- BJP की मंशा पर संदेह
वहीं, कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया, "हम जानते हैं ये शब्द 1976 में एक संशोधन के बाद जोड़े गए थे, लेकिन अगर आज कोई हमें संविधान देता है और उसमें ये शब्द नहीं हैं, तो यह चिंता की बात है."
उन्होंने कहा कि BJP की मंशा संदिग्ध है. ये बड़ी चतुराई से किया गया है. यह मेरे लिए चिंता का विषय है. मैंने इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की, लेकिन मुझे इस मुद्दे को उठाने का मौका नहीं मिला.
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