आठ अक्टूबर 2023 का दिन भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन के रूप में दर्ज किया जाएगा. इस ऐतिहासिक दिन पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी नए वायुसेना ध्वज (Ensign) का अनावरण करेंगे.
आजादी से पहले रॉयल इंडियन एयर फोर्स के झंडे में ऊपरी बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड पर आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) शामिल था. आजादी के बाद वायुसेना के झंडे में यूनियन जैक को हटाकर भारतीय ट्राई कलर और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ ट्राई कलर राउंडेल के साथ भारतीय वायु सेना का ध्वज बनाया गया.
भारतीय वायुसेना के मूल्यों को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए अब एक नया ध्वज बनाया गया है. इसमें अब एनसाइन के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट को शामिल किया गया है.
IAF क्रेस्ट का राष्ट्रीय प्रतीक है, शीर्ष पर अशोक स्तंभ और उसके नीचे देवनागरी में "सत्यमेव जयते" लिखा हुआ है. राष्ट्रीय प्रतीक के नीचे एक हिमालयी ईगल है जिसके पंख फैले हुए हैं, जो कि भारतीय वायुसेना के लड़ने के गुणों को दर्शाता है. हल्के नीले रंग की एक अंगूठी हिमालयी ईगल को घेरे हुए है जिस पर लिखा है "भारतीय वायु सेना."
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य "नभः स्पृशं दीप्तम्" हिमालयन ईगल के नीचे सुनहरे अक्षरों में देवनागरी में अंकित है. IAF का आदर्श वाक्य भगवद गीता के अध्याय 11 के श्लोक 24 से लिया गया है और इसका अर्थ है "उज्ज्वल तू स्वर्ग को छुएगा" या दूसरे शब्दों में "गौरव के साथ आकाश को छूना."
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