NEET-UG पेपर लीक मामले में हर बीतते दिन के साथ नए खुलासे हो रहे हैं. इस पेपर लीक मामले में पुलिस ने कई आरोपियों को अभी तक गिरफ्तार भी किया है, जिनसे पूछताछ लगातार जारी है. बिहार पुलिस के हत्थे जो आरोपी चढ़े हैं उनमें इस पेपर लीक का मास्टर माइंड सिकंदर कुमार यादवेंदु भी है. पुलिस सूत्रों के इस मामले की अभी तक की जांच में कई चौकाने वाले खुलासे हुए हैं. पुलिस की जांच में पता चला है कि NEET की परीक्षा से पहले इसका प्रश्न पत्र सिर्फ पटना स्थित NHAI के गेस्ट हाउस तक ही नहीं पहुंचा था, बल्कि सिकंदर और उसके गिरोह के सदस्यों ने रांची में भी कई अभ्यार्थियों से ये प्रश्न पत्र मुहैया कराया था. बहरहाल, इस मामले में बिहार पुलिस की जांच चल रही है. आने वाले समय में कई और गिरफ्तारियां की जा सकती हैं.
सूत्रों के अनुसार बिहार पुलिस से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो सिकंदर यादवेंदु अपना सॉल्वर गैंग सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में चला रहा था. यही वजह थी कि सिकंदर ने NEET की परीक्षा का प्रश्न पत्र रांची तक उपलब्ध कराया था. पुलिस को शक है कि सिकंदर के तार झारखंड के अलावा कई और अन्य राज्यों तक भी फैले हो सकते हैं. हालांकि, अभी तक ऐसा कोई लिंक निकलकर सामने नहीं आया है लेकिन जांच अभी जारी है. चलिए आज ये जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर प्रशासन की नाक के नीचे से सिकंदर अपने अन्य गुर्गों के साथ मिलकर इतना बड़ा गैंग चला कैसे रहा था.
कई राज्यों तक फैला हो सकता है यह रैकेट
सूत्रों के अनुसार अभी तक की जांच में पता चला है कि सिकंदर ने पटना के साथ-साथ पड़ोसी राज्य झारखंड की राजधानी रांची में भी NEET परीक्षा का प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया था. जांच में पता चला है कि सिकंदर के गिरोह के लोगों ने रांची में कुछ अभ्यार्थियों को NEET का प्रश्न पत्र मुहैया कराने से पहले उनके अभिभावकों के साथ होटल में बैठक भी की. इस बैठक के दौरान आरोपियों ने अभ्यार्थियों अभिभावकों से पैसे की डीलिंग की थी. अभी जो सूचना निकल सामने आई है उसके मुताबिक गिरोह के सदस्यों ने अभ्यार्थियों के अभिभावक से एक प्रश्न पत्र के लिए 40-40 लाख रुपये तक वसूले थे.
अभ्यार्थियों के अभिभावक से डील करता था गिरोह
पुलिस ने रांची से कई अभ्यार्थियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए ऐसे ही एक अभ्यार्थी के पिता ने बताया कि सिकंदर ने भी बाद में उनसे मुलाकात की थी. जिस होटल में ये मुलाकात हुई थी, उसी होटल से इस बात की भनक एक केंद्रीय एजेंसी को लगी और उसने बगैर समय गंवाए पटना पुलिस को इसकी सूचना दी. इस मामले के खुलने के बाद जब पुलिस ने सिकंदर को गिरफ्तार किया तो उसके पास से कई अभ्यार्थियों के एडमिट कार्ड मिले. पुलिस ने उनमें से ज्यादा अभ्यार्थियों को गिरफ्तार कर लिया है.
जांच एजेंसी ने ऐसा बिछाया था जाल
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय जांच एजेंसी को जैसे ही इस मामले की भनक लगी तो उन्होंने तुरंत इसे लेकर ना सिर्फ पटना पुलिस को सूचित किया बल्कि खुद भी एक्शन लिया. बताया जाता है कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने पहले उस होटल में गए थे जिस होटल में सिकंदर के होने और अभ्यार्थियों के अभिभावकों से मीटिंग करने का शक था. लेकिन जब उस होटल में जांच के दौरान उन्हें कुछ नहीं मिला तो एजेंसी के कुछ अधिकारियों ने उसी होटल में अपना कमरा बुक किया. वो सभी होटल के अन्य स्टॉफ से बात-बात में सिकंदर से जुड़ी जानकारी जुटाने में लगे थे. लेकिन किसी भी तरह से उन्हें इस बात का पता नहीं चल पा रहा था कि पेपर लीक को लेकर सारी डिलिंग इसी होटल में हुई है.
इसी बीच जब होटल के एक वेटर से बातचीत की तो उसने बताया कि सिकंदर यहां अपने कुछ साथियों के साथ आया था. वेटर ने ही केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को सिकंदर की कार का नंबर भी उपलब्ध कराया. जांच एजेंसी को इसी होटल से सिकंदर के दोस्त अनुज के बारे मे भी जानकारी मिली थी. बात में जांच में पता चला कि अनुज भी धीरज की तरह ही पहले अभ्यार्थियों की तलाश करता है और फिर उनके अभिभावकों से पैसों की डिलिंग कर, पैसा सिकंदर तक पहुंचाता है.
अनुज ने रांची और आसपास के इलाकों के करीब 25 अभ्यार्थियों को NEET की परीक्षा से एक दिन पहले ही प्रश्न पत्र ना सिर्फ मुहैया करवाए थे बल्कि उनके उत्तर भी रटवाए थे. इसके लिए अनुज ने इन लोगों से हर प्रश्न पत्र के लिए 40 लाख रुपये की डील तय की थी.
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