Rishi Sunak in NDTV World Summit 2025: यूके के प्रधानमंत्री रहे ऋषि सुनक ने शुक्रवार को NDTV वर्ल्ड समिट के मंच पर अपनी निजी जिंदगी से जुड़े कई राज खोले. राजनीति में आने के अपने सफर के बारे में बताया, ये भी बताया कि किसने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया था. इसके अलावा अपने ससुर इन्फोसिस के सह संस्थापक नारायणमूर्ति और सास सुधा मूर्ति को लेकर कई दिलचस्प बातें भी उन्होंने बताईं.
सास या ससुर, किससे ज्यादा एडवाइस मिलती है?
NDTV के सीईओ राहुल कंवल ने जब ऋषि सुनक से पूछा कि सास या ससुर, आपको सबसे उपयोगी सलाह किससे मिलती है? सुनक ने सवाल का सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा कि जिस तरह लोग अपने दो बच्चों में भेद नहीं करते, उसी तरह मैं भी अपने सास या ससुर में नहीं करूंगा. लेकिन मुझे दोनों से अलग-अलग तरह की सलाह मिलती है. सुनक ने बताया कि उनके चुनाव प्रचार के दौरान सास-ससुर ने भी काफी मदद की थी. वो मेरी हुडी पहनकर घर-घर जाते थे, पर्चे बांटते थे और लोगों को मुझे वोट देने के लिए समझाते थे.
सुनक ने बताया, किसने राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया
यूके के पहले अश्वेत और पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने खुलासा करते हुए बताया कि उनके राजनीति में आने में उनका (नारायणमूर्ति का) अहम योगदान है. लोगों की सेवा करने में मेरी शुरू से ही रुचि थी. लेकिन मेरा अच्छा खासा करियर था. लेकिन उन्होंने ही सलाह दी थी कि मुझे राजनीति में जाना चाहिए. इसके जरिए आप देश और लोगों की जिंदगी में बदलाव ला पाएंगे.
सुनक ने ये भी कहा कि मेरे फादर इन लॉ (नारायणमूर्ति) कहते हैं कि जिंदगी का लक्ष्य जरूर होना चाहिए. राजनीति में आने के बाद आपका लक्ष्य लोगों की मदद करना, उनकी सेवा करना होना चाहिए. अगर लोगों को प्यार मिलेगा तो राजनीति में आप निश्चित ही ऊपर चढ़ेंगे. सुनक ने आगे कहा कि ये सलाह ऐसे शख्स ने दी थी, जिसने एक बहुत ही बड़ी कंपनी खड़ी की है, जिसे बहुत ज्यादा अनुभव है. ऐसे में जब उन्होंने मुझे राजनीति में आने के लिए कहा तो मुझे लगा कि उनकी बात में दम है.
नारायणमूर्ति ने पॉलिटिक्स में आने के लिए क्यों कहा?=
बाद में राहुल कंवल ने नारायणमूर्ति से पूछा कि आपने ऋषि सुनक में ऐसा क्या देखा कि आपको लगा उन्हें राजनीति में आना चाहिए. इस पर नारायणमूर्ति ने ऋषि सुनक के बारे में कहा कि वो बुद्धिमान हैं, अपने काम में दक्ष हैं और सिद्धांतों का पालन करने वाले व्यक्ति हैं. वह वर्तमान वैश्विक राजनीति में सबसे उपयुक्त शख्स के बेहद शानदार उदाहरण हैं.
सुनक ने बताया, सुधा मूर्ति से क्या सीखा
ऋषि सुनक ने बातचीत के दौरान बताया कि जहां तक मेरी मदर इन लॉ (सुधा मूर्ति) की बात है तो उनसे मैंने जो चीज सीखी, वो है करूणा, हमदर्दी, सहानुभूति. उन्होंने जिस तरह भारत में लोगों के लिए काम किया है, जिस तरह वह हर बैकग्राउंड के लोगों से कनेक्ट हो जाती हैं, उसी से प्रभावित होकर हमने यूके में चैरिटी खोली. सुनक ने कहा कि जिस तरह वह लोगों से कनेक्ट करती हैं, वह विलक्षण है. मैं भी सोचता हूं कि मैं उन्हीं की तरह लोगों से जुड़ सकूं. उनकी ये बातें मेरे में भी आ गई हैं. वह कहती हैं कि हालात चाहें कितनी भी प्रतिकूल क्यों न हों, आपको अपना बेस्ट देना चाहिए और बाकी सब भगवान पर छोड़ देना चाहिए.
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— NDTV India (@ndtvindia) October 17, 2025
ऋषि माइ न्यू सन... सुधा मूर्ति बोलीं
NDTV के सीईओ राहुल कंवल ने सुधा मूर्ति से पूछा कि आपकी बात कौन ज्यादा सुनता है, आपकी बेटी अक्षता या फिर दामाद ऋषि सुनक? इस पर सुधा मूर्ति ने कहा कि वैसे तो दोनों ही मेरी बात मानते हैं, लेकिन ऋषि उनकी बात ज्यादा सुनते हैं. मैंने एक किताब भी उन्हें डेडिकेट की है- ऋषि माइ न्यू सन. सुधा मूर्ति ने कहा कि ऋषि, अक्षता से ज्यादा मेरी बात सुनते हैं.
राहुल कंवल ने मजाक में ऋषि सुनक से कहा कि अगर आप भारत में चुनाव लड़ें तो मुझे लगता है कि आपके जीतने की काफी संभावना होगी. इस पर सुनक ने भी मजाकिया लहजे में जवाब देते हुए कहा कि ये बहुत खतरनाक भी होगा... मेरे लिए अभी यूके पार्लियामेंट ही सही है.
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