
- पूर्व ब्रिटिश PM सुनक ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में खुलकर कई मुद्दों पर बात की
- सुनक ने कहा कि भारत और यूके के बीच ट्रेड, टेक्नोलॉजी और शिक्षा क्षेत्र में आने वाले समय में बड़े अवसर हैं
- उन्होंने दुनिया के बदलते ग्लोबल सिस्टम को मल्टीपोलर और लोकल कैपेबिलिटी पर आधारित बताया
नई दिल्ली में आयोजित एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में हिस्सा लेने के बाद पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने भारत की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच साझेदारी भविष्य के लिए बेहद प्रॉमिसिंग है.सुनक ने समिट में शामिल होने के बाद सोशल मीडिया पर लिखा “दिल्ली में एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में हिस्सा लेना शानदार रहा. अपने दोस्त नरेंद्र मोदी से दोबारा मिलकर अच्छा लगा. हमने अगले दशक की बड़ी चुनौतियों और मौकों पर चर्चा की एआई, इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्लोबल डेवलपमेंट और इकॉनमिक रेजिलिएंस जैसे मुद्दों पर. भारत की एनर्जी और एम्बिशन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
सुनक ने कहा कि आने वाले वक्त में भारत और यूके के बीच ट्रेड, टेक्नोलॉजी और एजुकेशन सेक्टर में बड़े मौके हैं. नई इंडस्ट्रीज़ और आइडिया के साथ दोनों देशों के रिश्ते और गहरे होंगे. एनडीटीवी के सीईओ राहुल कंवल, सीनियर एडिटर विष्णु सोम और पद्मजा जोशी के साथ एक खास बातचीत में सुनक ने कहा जिस दुनिया में मैं बड़ा हुआ, वो अब खत्म हो चुकी है. पुराना ग्लोबल सिस्टम, जो बर्लिन की दीवार गिरने के बाद बना था, अब वापस नहीं आएगा.
अब दुनिया “मल्टीपोलर और लोकल कैपेबिलिटी” पर आधारित है: सुनक
उन्होंने कहा कि अब दुनिया “मल्टीपोलर और लोकल कैपेबिलिटी” पर आधारित है, और भारत इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.अब हर देश अपनी घरेलू ताकत पर फोकस कर रहा है. भारत इसका बेस्ट मॉडल बन चुका है. कोविड महामारी पर बोलते हुए सुनक ने कहा कि यह सिर्फ हेल्थ क्राइसिस नहीं था, बल्कि एक जियोपॉलिटिकल वेकअप कॉल था. हर देश को तब एहसास हुआ कि उनकी सप्लाई चेन कितनी कमजोर है. तभी से सभी राष्ट्र आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़े हैं.
चीन को लेकर क्या बोले सुनक?
सुनक ने चीन की ट्रेड पॉलिसी पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि चीन अब उन ग्लोबल रूल्स से नहीं चलता जिनका पालन बाकी देश करते हैं. उनके लिए ट्रेड सिर्फ इकॉनमी नहीं, बल्कि स्ट्रैटेजिक टूल है. इसी वजह से कई देशों ने हुआवेई जैसे कंपनियों पर बैन लगाया और नए नेशनल सिक्योरिटी लॉ बनाए. भारत-यूके रिश्तों पर उन्होंने कहा कि दोनों देश समान सोच और भरोसे पर काम कर रहे हैं फ्री ट्रेड से लेकर एजुकेशन, स्टार्टअप और इनोवेशन तक, यह साझेदारी आने वाले दशक में ग्लोबल डेवलपमेंट की नई दिशा तय करेगी. बताते चलें कि ऋषि सुनक अक्टूबर 2022 से जुलाई 2024 तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री रहे और वो यूके के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री भी थे.
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