वीना देवी की मदद के लिए कई लोग आगे आए हैं.
नई दिल्ली:
एक तरफ कई ऐसा नेता हैं जो किसी का उपहास करने में पीछे नहीं हटते हैं दूसरी तरफ दुनिया में ऐसे लोग भी हैं जो मदद करने के लिए सबसे आगे रहते हैं. नोटबंदी के दौरान पति को खोने वालीं वीना देवी की त्रासदी पर एनडीटीवी ने 20 नवंबर को खबर दिखाई थी. इस खबर की असर यह हुआ कि अनेक लोग वीना देवी की मदद के लिए आगे आए हैं.
नोटबंदी को लेकर सरकार कई बार क्रेडिट लेती रहती है लेकिन नोटबंदी में मरे लोगों के परिवारों का क्या हुआ इसे लेकर सरकार गंभीर नहीं है. 20 नवंबर को एनडीटीवी ने वीना देवी की कहानी दिखाई थी. नोटबंदी के दौरान वीना देवी के पति सतीश कुमार की मौत तब हो गई थी जब वे पुराने नोट बदलने के लिए लाइन में खड़े थे.
हमने दिखाया था पति की मौत के बाद कैसे वीना देवी अकेली किराये के मकान में रहती हैं और संघर्ष कर रही हैं. वीना देवी को विधवा पेंशन भी नहीं मिलती थी. वीना देवी के कोई बच्चे भी नहीं हैं. 20 नवंबर को वीना देवी ने एनडीटीवी को बताया था कि कई बार पेंशन आफ़िस दौड़ लगाने के बाद भी उनको विधवा पेंशन नहीं मिली. मदद के नाम पर उस वक्त सरकार से सिर्फ 30000 हज़ार रुपये मिले थे और कांग्रेस ने 50000 रुपये दिए थे. न उस वक्त कोई मंत्री मिलने आया था न ही सत्ता पार्टी का कोई बड़ा नेता. वीना देवी ने यह भी बताया था कि कैसे अपने भाई की मदद से वे अपना गुजारा कर रही हैं और मकान मालिक वीना देवी से कोई किराया भी नहीं ले रहा था.
यह भी पढ़ें : पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत बोले- नोटबंदी के बाद भी चुनावों में कम नहीं हुआ काला धन
एनडीटीवी की रिपोर्ट के बाद वीना देवी की मदद करने के लिए कई लोग सामने आए हैं. वीना देवी के पेंशन भी सेंक्शन हो गई है और उन्हें बताया गया है कि दो महीने के अंदर एकाउंट में पैसे आ जाएंगे. देश के बाहर से भी लोग वीना देवी की मदद करने के लिए आगे आए हैं. सऊदी अरब में रहने वाले भारतीय नागरिक मुजीब सिद्दीक ने वीना देवी को हर महीने मदद करने के लिए वादा किया है. दिल्ली के अंदर भी कुछ लोग वीना देवी से मिलने आए थे. मदद मिलने के बाद वीना देवी काफी खुश हैं और जिन लोगों ने मदद की है उन्हें धन्यवाद भी दिया है.
VIDEO : वीना देवी के जीवन में मुस्कान लौटी
एनडीटीवी से बात करते हुए वीना देवी ने बताया कि आज भी दुनिया में इंसानियत ज़िंदा है. वीना देवी ने कहा जो काम सरकार को करना चाहिए था वो काम लोगों ने किया.
नोटबंदी को लेकर सरकार कई बार क्रेडिट लेती रहती है लेकिन नोटबंदी में मरे लोगों के परिवारों का क्या हुआ इसे लेकर सरकार गंभीर नहीं है. 20 नवंबर को एनडीटीवी ने वीना देवी की कहानी दिखाई थी. नोटबंदी के दौरान वीना देवी के पति सतीश कुमार की मौत तब हो गई थी जब वे पुराने नोट बदलने के लिए लाइन में खड़े थे.
हमने दिखाया था पति की मौत के बाद कैसे वीना देवी अकेली किराये के मकान में रहती हैं और संघर्ष कर रही हैं. वीना देवी को विधवा पेंशन भी नहीं मिलती थी. वीना देवी के कोई बच्चे भी नहीं हैं. 20 नवंबर को वीना देवी ने एनडीटीवी को बताया था कि कई बार पेंशन आफ़िस दौड़ लगाने के बाद भी उनको विधवा पेंशन नहीं मिली. मदद के नाम पर उस वक्त सरकार से सिर्फ 30000 हज़ार रुपये मिले थे और कांग्रेस ने 50000 रुपये दिए थे. न उस वक्त कोई मंत्री मिलने आया था न ही सत्ता पार्टी का कोई बड़ा नेता. वीना देवी ने यह भी बताया था कि कैसे अपने भाई की मदद से वे अपना गुजारा कर रही हैं और मकान मालिक वीना देवी से कोई किराया भी नहीं ले रहा था.
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एनडीटीवी की रिपोर्ट के बाद वीना देवी की मदद करने के लिए कई लोग सामने आए हैं. वीना देवी के पेंशन भी सेंक्शन हो गई है और उन्हें बताया गया है कि दो महीने के अंदर एकाउंट में पैसे आ जाएंगे. देश के बाहर से भी लोग वीना देवी की मदद करने के लिए आगे आए हैं. सऊदी अरब में रहने वाले भारतीय नागरिक मुजीब सिद्दीक ने वीना देवी को हर महीने मदद करने के लिए वादा किया है. दिल्ली के अंदर भी कुछ लोग वीना देवी से मिलने आए थे. मदद मिलने के बाद वीना देवी काफी खुश हैं और जिन लोगों ने मदद की है उन्हें धन्यवाद भी दिया है.
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एनडीटीवी से बात करते हुए वीना देवी ने बताया कि आज भी दुनिया में इंसानियत ज़िंदा है. वीना देवी ने कहा जो काम सरकार को करना चाहिए था वो काम लोगों ने किया.
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