मानसून के आने में पांच दिन की देरी के पूर्वानुमान के बीच सेन्ट्रल वाटर कमीशन ने सूखे से जूझ रही महाराष्ट्र सरकार को एडवाइजरी जारी कर दी है. एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में कमीशन के चेयरमैन एस मसूद हुसैन ने कहा कि महाराष्ट्र में हालात चिंताजनक हैं.
मसूद हुसैन ने कहा, "हमने महाराष्ट्र सरकार से कहा है कि उनके बड़े जलाशयों में पानी का स्तर काफी नीचे गिर चुका है. ऐसे में उन्हें जलाशयों में बचे पानी का इस्तेमाल काफी सोच समझकर करना होगा. प्राथमिकता पीने के पानी को देना होगी. इसके बाद ही सिंचाई के लिए पानी जारी करना उचित होगा.
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एडवाइजरी चार अन्य राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश को भी जारी की गई है. लेकिन सबसे ज़्यादा चिंता महाराष्ट्र के मराठवाड़ा जैसे इलाके को लेकर है जहां पानी का संकट बढ़ता जा रहा है.
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महाराष्ट्र के 17 बड़े जलाशयों में से पांच में पानी इस्तेमाल के लायक नहीं बचा है. जबकि पांच बड़े जलाशयों में पानी 10 प्रतिशत से भी कम बचा है. चिंता पूरे पश्चिमी भारत के जलाशयों में पानी के घटते स्तर को लेकर है. यहां के 27 बड़े जलाशयों में पानी का स्तर उनकी क्षमता का सिर्फ 13 फीसदी रह गया है.
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साफ है, हालात खराब हो रहे हैं...और सरकार को इस मामले में जल्द ही कुछ करना होगा.
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