NDTV Election Carnival: पटना की दोनों सीटों पर क्या है वोटर्स का मूड? रविशंकर प्रसाद ने राबड़ी देवी का नाम लेकर केजरीवाल पर साधा निशाना

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, बहुत सर्वे हुए हैं, जहां तक मेरी जानकारी है, हर सर्वे में मेरा परफार्मेंस बहुत अच्छा माना गया है. अगर कुछ लोग नाराज हैं, मैं उनसे जाकर मिलूंगा.

पटना:

बिहार में लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) की 40 सीटें हैं. बिहार की राजधानी पटना में केवल एक लोकसभा सीट थी. परिसीमन के बाद शहर में 2 सीटें बनीं, जिनका नाम पाटलिपुत्र और पटना साहिब रखा गया. सीट बनने के बाद से ही यहां BJP का दबदबा है. पटना साहिब सीट (Patna Sahib Seat) बिहार की सबसे हाईप्रोफाइल सीटों में से एक मानी जाती है. इस सीट पर रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) पर BJP ने एक बार फिर भरोसा जताया है. जबकि महागठबंधन (INDIA Alliance) का उम्मीदवार तय होना बाकी है. वोटर्स का मिजाज जानने और हवा का रुख भांपने के लिए बुधवार (17 अप्रैल) को NDTV इलेक्शन कार्निवल (NDTV Election Carnival) पटना पहुंचा.

मोरेलो कॉम्पलेक्स में हुए इलेक्शन कार्निवल में पटना साहिब सीट से बीजेपी उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद ने अभी तक कोई कैंडिडेट नहीं उतारने को लेकर विपक्षी गठबंधन पर तंज कसे. वहीं, पूर्व सीएम राबड़ी देवी (Rabri Devi) को लेकर जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर निशाना भी साधा. रविशंकर प्रसाद केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए वोट की अपील भी की.

रविशंकर प्रसाद ने कहा, "जहां आप मुझसे बात कर रहे हैं, यह है मोरेलो कॉम्पलेक्स. यहां दुकानें हैं. लोग यहां खाने के लिए भी आते हैं. यह पटना का मिनी कनॉट प्लेस है. मैं भले ही पार्टी का वरिष्ठ कार्यकर्ता हूं राष्ट्रीयस्तर पर, लेकिन मैं पटना में  एक कार्यकर्ता ही रहता हूं. लोगों से मिलता हूं, हंसता हूं, वे मुझसे लड़ते हैं, मैं उनसे लड़ता हूं. हम मिलकर काम करते हैं.  मेरा एकदम अनौपचारिक आचरण पटना में रहता है."

रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हमने शत्रुघ्न सिन्हा को लगभग 2 लाख 90 हजार वोटों से हराया था. यह मेरी जीत नहीं, पटना की जनता की जीत थी, कार्यकर्ताओं की जीत थी."    

अगर कुछ लोग नाराज हैं, तो उनसे जाकर मिलूंगा
एंटी इनकम्बेंसी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में रविशंकर प्रसाद ने कहा,"बहुत सर्वे हुए हैं, जहां तक मेरी जानकारी है... हर सर्वे में मेरा परफार्मेंस बहुत अच्छा माना गया है. अगर कुछ लोग नाराज हैं, मैं उनसे जाकर मिलूंगा. वे हमारे हैं और मैं उनका हूं. तो कुछ प्यार की बात होगी, कुछ नोंकझोंक की बातें भी होंगी. मैं कभी भी अव्यवहारिक बात नहीं करता."

रविशंकर प्रसाद ने कहा, "पहले मैं विधायक था, फिर मंत्री बना. तब पटना बाढ़ में डूब गया. आठ-नौ फीट पानी आ गया. उस वक्त मैं उदयपुर में था. एक कार्यकर्ता ने फोन किया तो भागा-भागा पटना आया. मैंने कहा अगले साल से पटना में बारिश होगी, लेकिन पानी जमेगा नहीं. मैं खुद नालों की सफाई करता हूं. उसकी मॉनीटरिंग करता हूं. आज बारिश होती है, लेकिन जलभराव नहीं होता."

कोरोना में लोगों की मदद की
प्रसाद ने कहा, "फिर कोरोना आ गया. महामारी में मैंने जरूरतमंदों के लिए खाना-पीने का इंतजाम किया. मैं डॉक्टरों की सलाह के खिलाफ जाकर तब पूरी ड्रेस पहनकर पीएमसीएच, एनएमसीएच के कोरोना वार्ड में गया था. मैं देखना चाहता था कि वहां कि व्यवस्था कैसी है. कोरोना के टीकाकरण के समय मैं टेलीकॉम मिनिस्ट्री ही संभाल रहा था. स्वास्थ्य विभाग से को-आर्डिनेट करके 220 करोड़ टीके लगाए गए. इसकी सारी सूचनाएं मोबाइल पर गईं." 
 

प्रसाद ने कहा, "पटना में प्रदेश सरकार के को-आर्डिनेशन से मेट्रो मैं ले आया. पटना में अटल पथ जो बना है, उसके लिए रेलवे जमीन नहीं छोड़ रही थी, उसे छुड़वाया. हवाई अड्डा बन रहा है. महात्मा गांधी सेतु दोबारा बन गया. अभी 1000 करोड़ की एलिवेटेड सड़क बनवा रहा हूं."

     

बिहार में पॉलिटिकल सिचुएशन, कभी इधर, कभी उधर
एक दर्शक ने कहा कि पटना में केंद्र के प्रोजेक्ट तो आ जाते हैं, लेकिन एक्जीक्यूशन तेजी से नहीं हो पाता. इसके जवाब में रविशंकर प्रसाद ने कहा, "आप बिहार की पॉलिटिकल सिचुएशन जानते ही हैं. ये कभी इधर तो कभी उधर रहती है. मैं भी लड़ता रहता हूं, काम कराता रहता हूं. आज मुझे खुशी है कि नीतीश बाबू ने कहा है कि मैं अब कभी मोदी जी से अलग नहीं जाऊंगा. मोदी जी ने एक बहुत बड़ी बात कही है, बिहार के विकास के बिना देश का विकास नहीं होगा."

उन्होंने कहा, "अभी पीएम मोदी बिहार आए थे. वो औरंगाबाद, बेगूसराय और बेतिया गए. 85 हजार करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास हुआ. पीएम बिहार को आगे और भी सौगातें देंगे. मैं हूं न आपका सिपाही, और कराऊंगा, निश्चिंत रहिए. मैंने पटना के ग्रामीण इलाकों में 149 सड़कें बनवाई हैं." 

रामनवमी पर शोभायात्राओं का न हो राजनीतिकरण
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "रामनवमी पर निकाले जाने वाले शोभायात्रा को लेकर राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. जिनको प्रभु राम के मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर निमंत्रण मिला था, वे गए थे क्या? वही आरोप लगाते हैं. क्यों नहीं गए, वोट बैंक के कारण. प्रभु राम की रामनवमी में जनता सड़कों पर आती है तो इसमें क्या परशानी है. क्यों नहीं आना चाहिए? मैं इस सोच की खिलाफत करता हूं. जो विरोध करते हैं उनको बता दूं कि धारा 370 (आर्टिकल 370) के हटने के बाद अब कश्मीर के लाल चौक पर भी रामनवमी का जुलूस निकलता है कि नहीं. मैं उनसे कहूंगा जिनको परेशानी पटना से है, वे चले जाएं श्रीनगर." 

देश हिंदुओं का, मुसलमानों का भी और क्रिश्चियन का भी
ममता बनर्जी कहती हैं कि बीजेपी रामनवमी को माहौल विषैला बनाने के लिए इस्तेमाल करती हैं. पथराव हो जाता है, आगजनी हो जाती है, गोली चल जाती है. इस बारे में सवाल पर प्रसाद ने कहा, "पथराव होता है, गोली चल जाती है, या यह करवाए जाते हैं. ममता जी का मैं बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन वोट बैंक के कारण उन्होंने जो बंगाल का हाल किया है. उसके लिए मैं उनकी निंदा करता हूं. ईद पर वे मंच से कह रही थीं, शांत रहना दंगा करवाया जाएगा. क्या मतलब है इसका. यह ठीक नहीं है. यह देश हिंदुओं का भी है, मुसलमानों का भी है. क्रिश्चियन का भी है."

विपक्षी नेताओं ने किया था तीन तलाक कानून का विरोध
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "तीन तलाक का किसने विरोध किया था? उस वक्त मैं कानून मंत्री था. तीन तलाक का विरोध लालू प्रसाद ने किया था, तेजस्वी ने किया था, ममता जी ने किया था, सोनिया जी ने किया था. पाकिस्तान में तीन तलाक बैन है, बांग्लादेश में बैन है, अफगानिस्तान में बैन है, जार्डन में बैन है. मलेशिया में, इंडोनेशिया में बैन है, हिंदुस्तान में नहीं... वोट बैंक की पॉलिटिक्स. पटना में तीन तलाक की पीड़ित महिलाएं मुझे बहुत एप्रिशिएट करती हैं."                           

जब सीएए के रूल फ्रेम किए गए तो सिर्फ हिंदुओं को आने की इजाजत है, और इस बात पर पॉलिटकल पार्टियों से लेकर मुस्लिमों तक सबका विरोध है? इस पर पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि, सीएए कानून का हिंदुस्तान के मुसलमानों से कोई रिश्ता नहीं है. यह सिर्फ और सिर्फ हिंदू, सिख, पारसी और क्रिश्चियन, जो बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान में पीड़ित हैं, अपनी आस्था के कारण, उनको भारत में आने का स्थान देता है. सीएए का हिंदुस्तान के मुसलमानों से कोई संबंध नहीं है.  

इलेक्शन से पहले सीएए के रूल्स फ्रेम किए गए, राम मंदिर का उद्घाटन भी हुआ क्या यह चुनाव इन मसलों पर जनमत संग्रह है? सवाल पर बीजेपी नेता ने कहा कि, सीएए का कानून चार साल पहले पारित हुआ था, अब रूल्स बने हैं. राम लला स्थापित होने के लिए 500 साल से परेशान थे. किसी चुनाव से इसका मतलब नहीं है. प्रभु राम वहां बैठे हैं, इस देश की अपेक्षा से.         

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, योगी जी का मॉडल.. प्रभावी शासन क्या होता है, योगी जी ने उसका एक परिचय दिया है. मैं भी स्वीकारूंगा कि 2005 से 2010 जब नीतीश जी की सरकार थी हम लोगों के साथ तो यहां बहुत प्रभावी रूप से काम हुआ था.  उन्होंने कहा कि, नीतीश जी ने जो छोड़ा (आरजेडी का साथ) है उसके पीछे बहुत सारे कारण हैं, बालू माफिया, बाकी माफिया... नीतीश कुमार के पलटी मारने के सवाल पर प्रसाद ने कहा कि, तेजस्वी जी तो बड़ी-बड़ी बात कह देते हैं. क्या कहा था उन्होंने.. हम एक करोड़ लोगों को नौकरियां देंगे. आप लड़ रहे हैं 23 सीट, जीतेंगे जीरो बटा सन्नाटा..सरकार का पता नहीं, ताल ठोक रहे हैं.    

नीतीश जी व्यक्तिगत रूप से ईमानदार
बिहार में बार-बार सरकार की अल्टा-पल्टी के सवाल पर उन्होंने कहा, नीतीश जी हम लोगों के साथ थे, अच्छा काम किया, यह सच है. नीतीश जी हमें बीच में दो बार छोड़कर गए, यह भी सच्चाई है. नीतीश जी ऊबकर हम लोगों के साथ चले आए, यह भी सच्चाई है. आज घोषणा कर दी कि अब मैं कहीं नहीं जाऊंगा. वो साथ हैं, मिलकर काम करेंगे. 

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नीतीश जी की गारंटी पर भरोसा है? जवाब में रविशंकर प्रसाद ने कहा, नीतीश जी आते-जाते रहतें हैं.. पर एक बात मैं कहूंगा, नीतीश जी व्यक्तिगत रूप से ईमानदार हैं. लालू प्रसाद का परिवार , अपन मुख्यमंत्री, पत्नी मुख्यमंत्री.. एमएलसी, बेटा उप मुख्यमंत्री, एक बेटा मंत्री, एक बेटी एमपी राज्यसभा की, एमपी का इलेक्शन लड़ रही है. तो उन्होंने इंडिया में एक प्रकार से हाईएस्ट स्कोर किया है. लालू जी का इसमें जवाब नहीं. परिवार को बढ़ाने में लालू जी ने नंबर एक बैटिंग कर दी.