लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के दूसरे फेज के लिए शुक्रवार को वोटिंग होनी है. 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की कुल 88 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. चुनावी माहौल को समझने और वोटर्स के मूड को भांपने के लिए NDTV इलेक्शन कार्निवल (NDTV Election Carnival) दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ का सफर तय कर चुका है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मतदाताओं का मिजाज जानने के बाद गुरुवार को Election Carnival इंदौर पहुंचा. मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहर और आर्थिक राजधानी इंदौर में चौथे चरण में 13 मई को वोट डाले जाएंगे.
भोपाल की तरह इंदौर लोकसभा सीट भी बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. बीजेपी ने यहां से इस बार पुराने चेहरे पर भी भरोसा जताया है. बीजेपी से मौजूदा सांसद शंकर लालवानी मैदान में हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस के अक्षय कांति बम से होगा.
बीजेपी ने क्या कहा?
इंदौर की 8 बार की सांसद और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, "राजनेताओं को चालाक नहीं होना चाहिए. राजनीति में हमें भावुक होने की जरूरत है. राजनेताओं को भावुक और स्पष्ट होना चाहिए." पीएम मोदी के 'अबकी बार 400 पार' का टारगेट क्या संभव है? जवाब में महाजन कहती हैं, "400 सीटों का टारगेट असंभव भी नहीं है. इसलिए असंभव नहीं है, क्योंकि इन 10 साल में पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने काम किए हैं. उसके पहले भी जनता ने देखा है कि जब-जब बीजेपी लीड करती है तो जनहित के काम अच्छे से होते हैं. बीजेपी को लेकर लोगों में एक भरोसा आ गया है. निश्चित तौर पर जनता 400 पार सीटों का टारगेट पूरा होने की गारंटी देगी."
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संविधान बदलने की आशंका बेमानी
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि बीजेपी अगर तीसरी बार सत्ता में आई, तो संविधान अपने हिसाब से बदल देगी. इससे जुड़े सवाल के जवाब में सुमित्रा ताई महाजन कहती हैं, "ये बदलना क्या होता है. संविधान बदला नहीं जाता, बल्कि इसमें संशोधन किया जाता है. वो भी तब किया जाता है, जब देश को इसकी जरूरत महसूस होती है. संविधान में संशोधन तो कई बार हो गए. 100वां संशोधन तो मेरे सामने ही हुआ ना. भारत का संविधान एक ऐसा संविधान है, जिसमें परिवर्तित करके नहीं, बल्कि संशोधित करके उसे आज के काल के अनुसार बनाया जाता है. बीजेपी सत्ता में आई, तो अपने हिसाब से संविधान ही बदल देगी... ये दावे और ये डर दोनों बेमानी है."
कांग्रेस में भी हैं अच्छे लोग
एक समय में बीजेपी ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था. अब एक तरह से कांग्रेस युक्त बीजेपी होता जा रहा है. बीजेपी ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश में 2 लाख कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बीजेपी में शामिल किया गया है. इसे लेकर पूछे गए सवाल पर महाजन ने कहा, "कहा जाता है कि जो कन्हैया के पास गया, वो कन्हैया का हो गया. जो राम के पास गया, वो राममय हो गया. आज ऐसी स्थिति है. बेशक कांग्रेस में भी अच्छे लोग हैं. मैं मुक्त भारत वाली बात को नहीं मानती. मैं चाहूंगी कि आज के प्रजातंत्र में प्रतिपक्ष भी ताकतवर होना चाहिए. प्रतिपक्ष को भी समझ के साथ अपनी बात रखने वाला होना चाहिए."
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इंदौर में इस बार होगा अबकी पार 8 लाख पार
वहीं, इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव कहते हैं, "इंदौर में इस बार बात चल रही है कि अबकी पार 8 लाख पार. पिछली बार हम साढ़े 5 लाख मतों से जीते थे. इस बार हम 8 लाख मतों के पार होने की बात कर रहे हैं. यानी पीएम मोदी के 400 पार और बीजेपी प्रत्याशी शंकर लालवानी के 8 लाख पार होंगे. ये भरोसा बीजेपी के कार्यकर्ताओं का है, जो पीएम मोदी की योजनाओं को जनता तक ले जाता है."
कांग्रेस ने क्या कहा?
NDTV इलेक्शन कार्निवल में इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम भी शामिल हुए. उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि इंदौर में बीजेपी प्रत्याशी की 8 लाख वोटों से जीत नहीं, बल्कि हार होगी. जिनकी 8 लाख वोटों से जीतने की बात कही जा रही है, जब बीजेपी की पहली लिस्ट निकलती है, तब उसमें उनका नाम नहीं होता. वो लापता सांसद हैं और उनका विकास भी लापता है." अक्षय कांति बम कहते हैं, "क्या बीजेपी लिखकर देगी कि अगर शंकर लालवानी 8 लाख वोटों से नहीं जीते और कम वोटों से जीते, तो इस्तीफा दे देगी."
एक अच्छे स्टेडियम के लिए तरस रहा इंदौर
पूर्व क्रिकेट कंमेंटेटर पद्मश्री सुशील दोषी ने भी डिबेट में हिस्सा लिया. उन्होंने कहा, "इंदौर एक ऐसा शहर है, जिसपर पूरे भारत की नजदीकी निगाहें रहती हैं. इंदौर सबसे स्वच्छ शहर है. इसका अनुकरण सभी करना चाहते हैं, लेकिन मुझे दुख होता है कि आज भी ये शहर खेल-कूद के मामले में पीछे हैं. इंदौर आज भी एक अच्छे स्टेडियम के लिए तरस रहा है. हमें इंदौर में खेल प्रतिभाओं और उनकी यादों को सहेज कर संचित कर रखने की कोशिश करनी चाहिए.
जनता ने क्या कहा?
इंदौर में फर्स्ट टाइम वोटर प्रिया खंडेलवाल कहती हैं, "मेरा वोट बीजेपी को जाएगा, क्योंकि 20 सालों तक इंदौर में बीजेपी ने काम किया है. जितना ज्यादा डेवलपमेंट बीजेपी कर पाई है, मुझे नहीं लगता कि वो कांग्रेस कर पाती." यश चौहान ने मेयर से सवाल किया कि इंदौर में आईआईटी है, आईआईएम है. लेकिन यहां के युवा मुंबई और बेंगलुरु में जॉब करने जाते हैं. ऐसा कब होगा कि दूसरे शहरों के युवा इंदौर में जॉब करने आए. यानी इंदौर में रोजगार के मौके कब बढ़ेंगे? जवाब में मेयर पुष्यमित्र भार्गव बताते हैं, "इंदौर का युवा अगर बैंगलुरु, दिल्ली या मुंबई जाकर नौकरी करता है, इसका मतलब है कि हमने उसे बेसिक प्लेटफॉर्म दिया है. जिससे अच्छे पैकेज में उसकी जॉब लग रही है. लेकिन हैदराबाद, बैंगलुरु और दिल्ली के लोग भी इंदौर के टीसीएस, इंफोसिस, एसेंचर में जॉब कर रहे हैं. यानी निश्चित रूप से जॉब के मौके बन रहे हैं."
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