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This Article is From May 02, 2023

NDTV-CSDS सर्वे: बोम्मई या सिद्धारमैया? कर्नाटक में CM चेहरे के लिए कौन पहली पसंद?

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया वरुणा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि बसवराज बोम्मई शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं.

सिद्धारमैया ने ऐलान किया है कि ये उनका आखिरी चुनाव है. इसके बाद वह राजनीति छोड़ देंगे.

नई दिल्ली:

कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Assembly Elections 2023) के लिए 10 मई को वोटिंग होनी है. चुनाव में किसकी होगी जीत, यह तो 13 मई को मालूम चल जाएगा, लेकिन उससे पहले NDTV-CSDS ने पब्लिक सर्वे किया है. इसके जरिए ये जानने की कोशिश की गई है कि कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद के लिए कौन सबसे पहली पसंद है. सर्वे के मुताबिक, पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया सीएम पद के लिए सबसे पहली पसंद हैं.

NDTV ने लोकनीति-सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) के सर्वे में 40 फीसदी लोगों ने सिद्धारमैया को सीएम कैंडिडेट के तौर पर सबसे लोकप्रिय बताया. वहीं, मौजूदा सीएम बसवराज बोम्मई को 22 फीसदी लोगों, जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी को 15 फीसदी लोगों, डीके शिवकुमार को 4 फीसदी, बीएस येदियुरप्पा को 5 फीसदी और अन्य को 12 फीसदी लोगों ने अपनी पसंद बताया है.  सर्वे में शामिल 2 फीसदी लोगों ने अपनी राय नहीं दी. ऐसे में बोम्मई की चिंता बढ़ सकती है. वहीं, उम्रदराज वोटर्स के बीच सिद्धारमैया पहली पसंद हैं, जबकि बोम्मई को युवा वोटर्स अपनी पसंद बताते हैं. 

NDTV-CSDS सर्वे का यह दूसरा भाग है. पहले भाग के नतीजे 1 मई 2023 को प्रकाशित किए गए थे. NDTV-CSDS ने 20 से 28 अप्रैल के बीच कर्नाटक चुनाव को लेकर सर्वे किया था.

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया मैसूर के वरुणा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि बसवराज बोम्मई शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से चुनावी मैदान में हैं. सिद्धारमैया ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव है. इसके बाद वह राजनीति छोड़ देंगे.

सिद्धारमैया के बारे में
सिद्धारमैया ने 13 मई 2013 से 17 मई 2018 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे. सिद्धारमैया कई वर्षों तक जनता परिवार के विभिन्न गुटों के सदस्य रहे. कांग्रेस में शामिल होने से पहले वह जनता दल (सेक्युलर) के नेता के रूप में वह दो बार कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री रहे थे. 

बसवराज बोम्मई के बारे में
लिंगायत नेता बसवराज बोम्मई का जन्म 28 जनवरी 1960 को हुआ था. वह जल संसाधन व सहयोग मंत्रालय के साथ-साथ हवेरी और उडुपी जिलों के प्रभारी मंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं. मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट बसवराज बोम्मई ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जनता दल के साथ की थी. बोम्मई को बीएस येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है और वह 'जनता परिवार' से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता एसआर बोम्मई भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 

बोम्मई 2018 में बीजेपी में शामिल हुए थे. 2008 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वह हावेरी जिले के शिगगांव निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे. इंजीनियर के तौर पर उन्होंने अपने करियर की शुरुआत टाटा समूह के साथ की थी. उनको शिगगांव में देश की पहली 100 फीसदी पाइप वाली सिंचाई परियोजना को लागू करने का श्रेय भी दिया जाता है.

कैसे हुआ सर्वे?
सर्वे के लिए कर्नाटक के 21 विधानसभा क्षेत्रों के 82 मतदान केंद्रों में कुल 2143 लोगों से बात की गई. दो मतदान केंद्रों में फील्डवर्क पूरा नहीं हो सका. सर्वे के फील्‍ड वर्क का को-ऑर्डिनेशन वीना देवी ने किया और कर्नाटक में नागेश के एल ने इसका मुआयना किया. विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को 'प्रोबैबलिटी प्रपोर्शनल टू साइज (Probability Proportional to Size)' सैंपल का इस्तेमाल करके रैंडमली तरीके से चुना गया है. इसमें एक यूनिट के चयन की संभावना उसके आकार के समानुपाती होती है. हर निर्वाचन क्षेत्र से 4 मतदान केंद्रों को सिलेक्ट किया गया था. हर मतदान केंद्र से 40 मतदाताओं को रैंडमली सिलेक्ट किया गया था.
 

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