- गोवा नाइट क्लब आग मामले में अजय गुप्ता को पुलिस ने मंगलवार को हिरासत में लिया था और वह छठे गिरफ्तार आरोपी हैं
- अजय गुप्ता ने एनडीटीवी को बताया कि वह केवल पार्टनर था और आग से उसका कोई अन्य संबंध नहीं है
- दिसंबर 2023 में नाइट क्लब के खिलाफ अवैध निर्माण और पर्यावरणीय नियमों के उल्लंघन की शिकायत दर्ज हुई थी
गोवा नाइट क्लब (Goa Night club fire case) आग मामले में बुधवार को गिरफ्तार हुए को ऑनर अजय गुप्ता से एनडीटीवी ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ उसमें पार्टनर था, बाकी इससे मेरा कुछ संबंध नहीं है. बता दें कि आग लगने की इस घटना में 25 लोगों की मौत हुई थी. फिलहाल अजय गुप्ता क्राइम ब्रांच ऑफिस सनलाइट कॉलोनी में है. उसे मंगलवार गोवा पुलिस ने सोहना से ट्रैक करना शुरू किया था. अजय गुप्ता अपने ड्राइवर के साथ HR नबंर की इनोवा गाड़ी में था. फिर वह दिल्ली के लाजपत जनर में इंस्टिट्यूट ऑफ़ ब्रेन एंड स्पाइन में भर्ती हो गया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने उसे पकड़ लिया.
मंगलवार को लिया गया था हिरासत में
बता दें कि गोवा पुलिस ने मंगलवार को 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइट क्लब के चार मालिकों में से एक अजय गुप्ता को हिरासत में ले लिया था. राज्य पुलिस ने अजय गुप्ता और एक अन्य मालिक सुरिंदर कुमार खोसला के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया था. गोवा पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमने नाइट क्लब के मालिकों में से एक अजय गुप्ता को हिरासत में लिया है. वह इस मामले में गिरफ्तार किये गये छठे व्यक्ति हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले उनके खिलाफ एक एलओसी जारी किया गया था क्योंकि पुलिस टीम उनके दिल्ली स्थित आवास पर उन्हें नहीं ढूंढ पाई थी. उन्होंने बताया कि गुप्ता बाद में राष्ट्रीय राजधानी में पाए गए और उन्हें हिरासत में ले लिया गया. नाइट क्लब के दो और मालिक - सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा - फरार हैं और उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है.
2023 में क्लब के खिलाफ दर्ज हुई थी शिकायत
जानकारी मिली है कि दिसंबर 2023 में ही अरपोरा पंचायत में इस रोमियो लेन नाइट क्लब के खिलाफ शिकायत हुई थी. क्लब को साल्ट पैन एरिया में गैरकानूनी तरीके से बनाने का आरोप था और सीवेज सीधे नदीं में बहाया जा रहा था, उसके डिस्कोथेक भी खतरनाक था, जो कभी भी गिर सकता है. डिस्कोथेक पानी के एरिया में बना था, क्लब में आने वाले लोगों को लिए खतरा था. इसके बाद क्लब का निरीक्षण भी किया गया था और अवैध ढांचे की बात मानी गई थी, इसके लिए कारण बताओ नोटिस 13 मार्च को जारी किया गया और क्लब मालिकों को 15 दिनों के भीतर आदेश पालन के लिए कहा गया, लेकिन लूथरा बंधुओं के सिर पर जूं न रेंगी और ये क्लब आराम से कार्यक्रम आयोजित करता रहा. नतीजा ये हुआ कि कई घरों के चिराग इसकी लापरवाही में बुझ गए.
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