- गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार विधानसभा चुनावों से पहले तेजस्वी यादव के नौकरी वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी.
- अमित शाह ने रोजगार और नौकरी में अंतर बताते हुए रोजगार को कुटीर उद्योग और एमएसएमई से जोड़कर समझाया.
- तेजस्वी यादव ने हर परिवार को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था जिसे अमित शाह ने आर्थिक रूप से असंभव बताया.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को NDTV PowerPlay के मंच पर मौजूद थे. बिहार विधानसभा चुनावों से कुछ ही दिन पहले आयोजित इस कार्यक्रम में अमित शाह ने कई बातों के जवाब दिए. साथ ही उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव के नौकरी वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी.
रोजगार और नौकरी में फर्क
अमित शाह ने तेजस्वी यादव के नौकरी वाले बयान पर अहम बयान दिया. शाह से पूछा गया था कि 1 करोड़ रोजगार 5 साल में क्या वाकई में संभव है और अगर हां तो बीजेपी के पास उसका क्या रोडमैप है? इस पर अमित शाह ने कहा, 'रोजगार और नौकरी के बीच में बहुत बड़ी गलती करते हैं. रोजगार कुटीर उद्योग, एमएसएमई हो सकता है, रोजगार के कई प्रकार से सृजन होता है. गांव में डेयरी से 150 परिवार को रोजगार मिलता है. रोजगार को नौकरी कहकर कंन्फ्यूजन मत पैद करिए.'
कैसे देंगे इतनी सरकारी नौकरी
तेजस्वी यादव ने कुछ दिनों पहले वादा किया है कि हर घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देंगे. अमित शाह ने कहा, 'तेजस्वी ने कहा कि हर परिवार में हम एक नौकरी देंगे वो भी सरकारी नौकरी देंगे. ऐसे में कुल 2 करोड़ 80 लाख परिवार हैं. 15 लाख के आसपास के पास नौकरी है. इसके बाद 2 करोड़ 60 लाख को नौकरी चाहिए.'
उन्होंने आगे कहा कि 2 करोड़ 60 लाख नौकरी चाहिए. अगर इसमें से बी, सी और डी ग्रेड उनकी तनख्वाह गिनता हूं तो औसतन 39 हजार आता है. ऐसे में 12 लाख 85 हजार करोड़ रुपया चाहिए. यह बिहार के बजट से चार गुना है, इतनी सारी नौकरी देंगे तो बिहार के काम ही नहीं हो पाएगा. इसके बाद अमित शाह ने कहा, 'तेजस्वी ने जो वादा किया है उसके बारे में राहुल गांधी और लालू यादव से पूछिए कि 12 लाख 85 हजार करोड़ रुपये आएंगे कहां से.'
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