विज्ञापन
This Article is From May 04, 2024

NDTV Battleground : महिला वोटरों पर सभी की नजर, बंगाल में BJP या TMC 'आधी आबादी' के वोट शेयर में किसको बढ़त?

डेटा साइंटिस्ट पॉलिटिकल एनालिस्ट अमिताभ तिवारी ने कहा कि, संदेशखाली की घटना महिला वोटरों पर कितना प्रभाव डालेगी यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बीजेपी इसे कितना भुना पाती है.

नई दिल्ली:

Lok sabha Elections 2024: पश्चिम बंगाल में महिला वोटरों पर सभी की नजर है. बंगाल में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस की नजर महिला मतदाताओं पर है. उनके वोट शेयर से किसको बढ़त मिलेगी यह एक सवाल है. बैटलग्राउंड एट एनडीटीवी (Battleground at NDTV) में डेटा साइंटिस्ट पॉलिटिकल एनालिस्ट अमिताभ तिवारी ने कहा कि, बंगाल के संदेशखाली की घटना महिला वोटरों पर कितना प्रभाव डालेगी यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बीजेपी इसे कितना भुना पाती है.  

क्या संदेशखाली की घटना पश्चिम बंगाल में इस चुनाव में एक टर्निंग पॉइंट है? इस सवाल पर अमिताभ तिवारी ने कहा कि, ''हो सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि बीजेपी इसको कैसे उठाती है.''  

अमिताभ तिवारी ने कहा कि, ''यदि 2019 का चुनाव देखें तो ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस को पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का ज्यादा समर्थन मिला था. उनको बीजेपी के खिलाफ महिलाओं में करीब चार परसेंट लीड मिली थी, जबकि पुरुषों में दो परसेंट की लीड थी. तो यहां पर इस बार यह एक मुद्दा बन सकता है, क्योंकि महिलाओं का सपोर्ट टीएमसी का काफी सालों से एक मजबूत पॉइंट रहा है. अब देखना होगा कि बीजेपी इसको कैसे भुना पाती है.''

उन्होंने कहा कि, ''बंगाल में कांटे की टक्कर है. पिछली बार 22 सीटें ऐसी थीं जहां 10 परसेंट से कम मार्जिन से जीत हुई थी, यानी एक लाख से कम का मार्जिन था. उनमें से 11 सीटों पर भाजपा और 11 पर टीएमसी जीती थी.''  

सीएसडीएस के प्रोफेसर संजय कुमार ने कहा कि, भले ही यह कई अन्य राज्यों के लिए सच नहीं है, लेकिन बंगाल में यह दिखाई दे रहा है. मुझे लगता है कि बंगाल में कांटे की टक्कर है. उन्होंने कहा कि 2019 में बीजेपी और टीएमसी के बीच सिर्फ 3% का अंतर था. इस चुनाव में इसे दोहराया जा सकता है. 

वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सांसद स्वपन दासगुप्ता ने कहा कि, "जब आमने-सामने की लड़ाई होती है तो पत्रकार बहुत खुश होते हैं. 1971 के बाद से, किसी भी राष्ट्रीय पार्टी ने पश्चिम बंगाल से लोकसभा के लिए बहुमत सीटें नहीं जीती हैं.''

स्वपन दासगुप्ता ने कहा कि पश्चिम बंगाल में कास्ट फैक्टर पहली बार 2019 में नजर आया. पहले बंगाल में कास्ट फैक्टर नहीं था. यहां कुर्मी एक बड़ा फैक्टर है. बीजेपी के लिए बंगाल बड़ी चुनौती है. यहां हिंसा खत्म होना चाहिए. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com