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This Article is From Sep 12, 2022

विदेशों में गैंगस्‍टरों का आतंकी समूहों के साथ 'गठजोड़' : छापेमारी के बाद जांच एजेंसी

ये अपराधी डॉक्टरों, व्यापारी सहित अन्य पेशेवरों को अपना निशाना बना रहे हैं. इन अपराधियों में से एक गोल्डी बरार था, जो गायक सिद्धू मूस वाला की हत्या का आरोपी था. 

विदेशों में गैंगस्‍टरों का आतंकी समूहों के साथ 'गठजोड़' : छापेमारी के बाद जांच एजेंसी
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:

हाल ही में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने देश के कुछ राज्यों में छापेमारी की है. जिन राज्यों में छापेमारियां हुई हैं, उनमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली/एनसीआर और राजस्थान हैं. इन राज्यों में 50 जगहों पर छापेमारी करने के बाद जांच एजेंसी ने कहा है कि विदेशों में स्थित कुख्यात आपराधिक गिरोहों ने आतंकी संगठनों और ड्रग कार्टेल के साथ गठजोड़ किया. साथ ही ये डॉक्टरों, व्यापारियों सहित अन्य पेशेवरों को अपना निशाना बना रहे हैं. इन अपराधियों में से एक गोल्डी बरार था, जो गायक सिद्धू मूस वाला की हत्या का आरोपी था. 


पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों से ये अपराधी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. साथ ही लोगों में भय कायम करने और उगाही के लिए टारगेटेड किलिंग कर रहे हैं. एनआईए ने कहा कि वे ड्रग्स और हथियारों की भी तस्करी कर रहे हैं. 

एजेंसी लॉरेंस बिश्नोई, कपिल सांगवान और नीरज बवाना जैसे गैंगस्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए से ऐसे पूरे नेटवर्क को उखाड़ फेंकने को कहा है. करीब दर्जन भर गिरोहों का डोजियर तैयार कर सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. 

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "ऐसे कई मामले हैं जिनमें डॉक्टरों और व्यापारियों सहित कई पेशेवरों को जबरन वसूली के कॉल आ रहे. इनमें से कुछ मामले पीड़ितों द्वारा भी दर्ज नहीं किए जा रहे. लेकिन हम कॉल को ट्रैक कर और लिंक स्थापित करने में कामयाब रहे और उसके बाद हमने छापेमारी की. उन्होंने कहा कि ये गिरोह बड़े पैमाने पर जनता के बीच भय पैदा करने के लिए साइबर स्पेस का उपयोग कर रहे हैं. "

अधिकारियों ने कहा कि इनमें से कुछ गिरोह जेलों से भी काम कर रहे हैं. एक अधिकारी ने कहा, "पंजाब में शौर्य चक्र से सम्मानित कॉमरेड बलविंदर सिंह की हत्या से पता चला है कि इनमें से ज्यादातर साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों के अंदर से रची जा रही थीं. "

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