जुनैद-नासिर हत्याकांड के आरोपियों ने हरियाणा पुलिस के लिए किया था मुखबिर का काम

पुलिस ने कहा है कि जुनैद पर गौ तस्करी के पांच मामले दर्ज हैं. हालांकि नासिर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. जनवरी में दर्ज गाय तस्करी के एक मामले में हरियाणा पुलिस छापेमारी के दौरान लोकेश सिंगला को अपने साथ ले गई थी.

खास बातें

  • नासिर-जुनैद हत्याकांड में नया खुलासा
  • पुलिस के लिए मुखबिर का काम करते थे आरोपी
  • तीन आरोपी छापेमारी के दौरान पुलिस के साथ जाते थे
नई दिल्ली:

राजस्थान के भरतपुर जिले के घाटमीका गांव के रहने वाले नसीर (25) और जुनैद उर्फ जूना (35) के जले हुए शव 16 फरवरी को हरियाणा के भिवानी के लोहारू में एक जली हुई कार में मिले थे. इस मामले में मृतकों के परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि नासिर और जुनैद की हत्या गोरक्षकों द्वारा अगवा किए जाने के बाद की गई थी. अब इस मामले में नई जानकारी सामने आई है. दोनों की हत्या करने वाले 5 गोरक्षकों में से तीन ने पशु तस्करी पर नकेल कसने के लिए पुलिस के मुखबिर का भी काम किया था.

इस मामले में पांच आरोपी अनिल, श्रीकांत, रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और मोहित यादव उर्फ मोनू मानेसर हैं. प्राथमिकी के मुताबिक, इनमें से रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और श्रीकांत मवेशी तस्करों पर छापेमारी के दौरान हरियाणा पुलिस की टीमों के साथ जाते थे. एनडीटीवी के हाथ लगी गाय तस्करी के मामलों की चार एफआईआर में, हरियाणा पुलिस ने उन तीन लोगों को अपना "मुखबिर" घोषित किया जो हत्या के मामलों का सामना कर रहे हैं. हरियाणा के भिवानी जिले में पिछले गुरुवार को महिंद्रा बोलेरो एसयूवी में दो मुस्लिम पुरुषों, नासिर और जुनैद के जले हुए शव मिले थे.

अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि हत्याओं के पीछे गौरक्षकों का हाथ था या नहीं. पुलिस ने कहा है कि जुनैद पर गौ तस्करी के पांच मामले दर्ज हैं. हालांकि नासिर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. जनवरी में दर्ज गाय तस्करी के एक मामले में हरियाणा पुलिस छापेमारी के दौरान लोकेश सिंगला को अपने साथ ले गई थी. चार प्राथमिकी हरियाणा के मेवात के फिरोजपुर झिरका थाने की हैं. पुलिस सूत्रों ने पिछले शनिवार को NDTV को बताया कि राजस्थान के दो मुस्लिम पुरुषों को पहले जीवित रहते हुए पुलिस के पास ले जाया गया.

उन्होंने कहा कि नासिर और जुनैद पर गायों की तस्करी के संदेह में चार लोगों ने हमला किया था. एक टैक्सी ड्राइवर और गौरक्षक समूह के सदस्य रिंकू सैनी ने जांचकर्ताओं को बताया कि वे दो मुस्लिम लोगों को फिरोजपुर झिरका पुलिस स्टेशन ले गए. उन्होंने कहा कि सैनी और उनका समूह चाहता था कि हरियाणा पुलिस गाय तस्करी के आरोप में जुनैद और नासिर को गिरफ्तार करे, लेकिन दो अधमरे लोगों की स्थिति को देखते हुए, स्टेशन पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें जाने के लिए कहा.

कुछ ही देर बाद जुनैद और नासिर की चोटों से मौत हो गई. सूत्रों ने बताया कि इसके बाद गौ रक्षकों के भयभीत समूह ने अपने दोस्तों से संपर्क कर शवों को ठिकाने लगाने के तरीके पर चर्चा की. उन्होंने आखिरकार अपनी बोलेरो एसयूवी और दोनों शवों को 200 किमी दूर भिवानी ले जाने का फैसला किया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि गुरुवार सुबह वाहन समेत दोनों शवों पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई. सैनी के मुताबिक, उन्हें उम्मीद थी कि कोई भी शवों और जले हुए वाहन को जलाए जाने के बाद उन तक नहीं पहुंच पाएगा. हालांकि जुनैद और नासिर की पहचान बोलेरो के चेसिस नंबर से हुई.

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