
- पीएम मोदी का जीवन सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं बल्कि समर्पण, अनुशासन और दूरदर्शी सोच की कहानी है.
- RSS से शुरुआत करके तीन बार पीएम बनने तक, मोदी ने दृढ़निश्चयी और दूरदर्शी नेता के रूप में पहचान बनाई है.
- सहानुभूति, विनम्रता और नवाचार पर आधारित उनकी शैली ने भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 साल के हो गए हैं. उनका जीवन सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं बल्कि एक ऐसा सफर है जो समर्पण, अनुशासन और दूरदर्शी सोच की कहानी कहता है. आरएसएस से शुरुआत करके गुजरात के मुख्यमंत्री और फिर तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बनने तक, मोदी ने एक दृढ़निश्चयी और दूरदर्शी नेता के रूप में पहचान बनाई है. सहानुभूति, विनम्रता और नवाचार पर आधारित उनकी नेतृत्व शैली ने भारत को दुनिया में एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है. आइए बताते हैं वो 10 खास गुण, जो मोदी को मोदी बनाते हैं.
कुशल टीम बिल्डर
संघ के शुरुआती दिनों से ही मोदी ने नेतृत्व निर्माण को प्राथमिकता दी है. वह मानते हैं कि कामयाबी केवल संसाधनों के प्रबंधन से नहीं बल्कि विश्वास और प्रतिबद्धता की ठोस नींव से आती है. उन्होंने अनुभवी नेताओं, टेक्नोलॉजी प्रेमी युवाओं और समर्पित कार्यकर्ताओं को साथ लाकर हर क्षेत्र में प्रभावी टीम तैयार की है. बीजेपी में उन्होंने ऐसा संगठनात्मक ढांचा खड़ा किया, जो प्रशासनिक दक्षता और जमीनी जुड़ाव पर केंद्रित है, जिसने पार्टी को अभूतपूर्व शक्ति के रूप में स्थापित किया है.
निष्ठा-अनुशासन
पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री के रूप में, 25 साल से अधिक समय तक सरकार के मुखिया रहने के बावजूद मोदी पर कोई बड़ा भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है. उनका व्यक्तिगत जीवन अनुशासन का एक बेहतरीन उदाहरण है. वे शॉर्टकट की राजनीति के बजाय स्थायी विकास और लंबी सोच पर जोर देते हैं. उनके लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि है, जैसा कि हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मामले में भी साफ हो गया है कि बात जब भारत की आती है तो वह कोई समझौता नहीं करते.

दृढ़निश्चयी नेता
पीएम मोदी के बारे में कहा जाता है कि वह जो ठान लेते हैं, उसे पूरा करके रहते हैं. आर्टिकल 370 हटाना, नागरिक संशोधन कानून, अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण, ऑपरेशन सिंदूर, ट्रिपल तलाक बैन, आयुष्मान भारत योजना, महिला आरक्षण कानून, मेक इन इंडिया, जीएसटी रिफॉर्म इसके कुछ बड़े उदाहरण हैं. उन्होंने सैन्य मोर्चे पर भारत को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है.
अनुभव और नई सोच
मोदी ने अनुभव और नई सोच के मेल से ऐसा तंत्र तैयार किया, जिसने पिछले दो दशकों के कार्यकाल में कई अभूतपूर्व पहलों की नींव रखी. डिजिटल गवर्नेंस के लिए गुजरात में SWAGAT और राष्ट्रीय स्तर पर प्रगति जैसे मंच बनाए. जन धन योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के जरिए करोड़ों गरीबों को बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ा. इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए गतिशक्ति और किसानों के कल्याण के लिए फसल बीमा योजना जैसे कार्यक्रम शुरू किए. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन जैसी पहलों ने भारत को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दी है.
भविष्य के भारत का निर्माण
भारत आज एक एकजुट, समृद्ध और विश्व स्तर पर शक्तिशाली राष्ट्र बनकर उभरा है. इसका श्रेय काफी हद तक पीएम मोदी के ऐसे दूरदर्शी नेतृत्व को जाता है, जिसने आत्मनिर्भरता और समावेशी विकास को अपनी नीतियों का आधार बनाया. प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य सिर्फ मौजूदा चुनौतियों का समाधान करना नहीं बल्कि आने वाले समय के लिए भारत को एक ग्लोबल लीडर के रूप में तैयार करना है.

संकट में नेतृत्व
मोदी ने जीवन में कई संकटों का सामना किया और हर बार एक मजबूत प्रशासक के रूप में उभरकर सामने आए. चाहे 1978 में मोरबी बांध आपदा के दौरान एक स्वयंसेवक के रूप में योगदान हो या गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में 2001 के भुज भूकंप के बाद पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी, हर जगह उन्होंने प्रभावी नेतृत्व दिखाया. पीएम बनने के बाद भी उन्होंने कई बार इसे साबित किया. इसके अलावा, केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण और 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा करना भी उनकी दूरदर्शिता और संगठनात्मक क्षमता को दर्शाता है.
टेक्नोलॉजी गुरु
गुजरात के सीएम के रूप में मोदी ने कन्या केलवणी अभियान और शाला प्रवेशोत्सव जैसी पहल शुरू कीं, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया. वाइब्रेंट गुजरात ने राज्य को एक प्रमुख इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन बना दिया. इसी तरह पीएम बनने के बाद उन्होंने डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और UPI जैसी कई पहल कीं, जिन्होंने भारत को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ाया. आज भारत में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है. आधार और जन धन योजना जैसी योजनाओं ने करोड़ों लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ा, पारदर्शिता बढ़ी और भ्रष्टाचार कम हुआ.
जनभागीदारी पर जोर
पीएम मोदी का नेतृत्व जनभागीदारी पर आधारित है. 'मन की बात' और 'Mygov' जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए वे देशवासियों से सीधे जुड़ते हैं और उनकी राय लेते हैं. स्वच्छ भारत अभियान, गिव इट अप जैसे अभियानों को उन्होंने जन आंदोलन में बदल दिया. किसी विचार को राष्ट्रव्यापी आंदोलन में बदलने के उनमें अभूतपूर्व गुण हैं. उनकी नीतियां भारत के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से बड़ी परिवर्तनकारी साबित हुई हैं.
करुणा और मानवता
पीएम मोदी की राजनीति संवेदनशीलता और विनम्रता पर आधारित है. गरीब कल्याण योजना और स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाएं उनकी शैली को दर्शाती हैं. कोरोना काल में उनकी वैक्सीन मैत्री जैसी पहल ने भारत को वैश्विक मंच पर एक मानवीय शक्ति के रूप में स्थापित किया. घरेलू चुनौतियों के बावजूद, भारत ने दुनिया भर के जरूरतमंद देशों को 30 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज भेजीं. इनमें से बहुत से मुफ्त में दी गई थीं.
धर्म और विरासत
पीएम मोदी का व्यक्तिगत जीवन धर्म और अनुशासन का बेहतरीन उदाहरण है. वह बिना किसी छुट्टी के रोज 18 घंटे काम करते हैं. नवरात्रि के व्रत रखते हैं, योग करते हैं, चतुर्मास के समय केवल एक वक्त भोजन करते हैं. पीएम के नेतृत्व में देश ने अमूल्य विरासत को संरक्षित करते हुए सामूहिक चेतना को भी जागृत किया है. स्टेच्यू ऑफ यूनिटी, राष्ट्रीय समर स्मारक और राम जन्मभूमि मंदिर जैसी पहल से सभ्यतागत पहचान को मजबूत किया है.
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