गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करते नजीब जंग
नई दिल्ली:
दिल्ली में जहां एक तरह उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच अधिकारों को लेकर लड़ाई जारी है वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि दिल्ली के कम से कम दो दर्जन नौकरशाह दिल्ली से बाहर तबादले के लिए गृहमंत्रालय के चक्कर लगा रहे हैं।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग पहले राष्ट्रपति से मिले, और फिर गृह मंत्री राजनाथ सिंह से। उन्होंने दिल्ली में दिख रहे संवैधानिक संकट पर अपना पक्ष रखा। वैसे गृह मंत्रालय के सूत्र इस विवाद में केजरीवाल सरकार की तरफ उंगली उठा रहे हैं। सूत्रों का कहना है, अफ़सर दिल्ली सरकार के मातहत काम करने को तैयार नहीं हैं कम से कम 20 अफ़सर दिल्ली से बाहर पोस्टिंग की कोशिश कर रहे हैं उनके मुताबिक सरकारी रवैया ऐसा है कि या तो उनकी सुनो या भुगतो...
सभी की एक राय है कि वह दिल्ली से बाहर चले जाएं। सूत्रों के हवाले से गृहमंमत्रालय का कहना है कि उपराज्यपाल दिल्ली के प्रशासक हैं और वह नियमों के अनुसार काम कर रहे हैं।
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि गृहमंत्रालय की नजर में उपराज्यपाल के पास यह हक है कि वह बिना मंत्रिसमूह से सलाह लिए कोई निर्णय ले सकते हैं।
बताया यह भी जा रहा है कि उपराज्यपाल में इस संबंध में राष्ट्रपति को अब तक की घटनाओं से अवगत करा दिया है।
गृहमंत्रालय के सूत्रों का यह भी कहना है कि केजरीवाल इस मुद्दे के जरिए केंद्र को घसीटना चाहते हैं। केंद्र सरकार फिलहाल इस मामले में बीच में पड़ना नहीं चाहती। लेकिन इसी दौर में कम से कम तीन अफ़सरों- शकुंतला गैमलिन, अनिंदो मजूमदार और राजेंद्र कुमार को लेकर दिल्ली सरकार और नजीब जंग बिल्कुल आमने-सामने आ चुके हैं। राज्य सरकार का तर्क है कि अफ़सरों की नियुक्ति का अधिकार उसका है।
अब यह साफ है कि मामला दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री के बीच ही रहेगा।
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग पहले राष्ट्रपति से मिले, और फिर गृह मंत्री राजनाथ सिंह से। उन्होंने दिल्ली में दिख रहे संवैधानिक संकट पर अपना पक्ष रखा। वैसे गृह मंत्रालय के सूत्र इस विवाद में केजरीवाल सरकार की तरफ उंगली उठा रहे हैं। सूत्रों का कहना है, अफ़सर दिल्ली सरकार के मातहत काम करने को तैयार नहीं हैं कम से कम 20 अफ़सर दिल्ली से बाहर पोस्टिंग की कोशिश कर रहे हैं उनके मुताबिक सरकारी रवैया ऐसा है कि या तो उनकी सुनो या भुगतो...
सभी की एक राय है कि वह दिल्ली से बाहर चले जाएं। सूत्रों के हवाले से गृहमंमत्रालय का कहना है कि उपराज्यपाल दिल्ली के प्रशासक हैं और वह नियमों के अनुसार काम कर रहे हैं।
सूत्र यह भी बता रहे हैं कि गृहमंत्रालय की नजर में उपराज्यपाल के पास यह हक है कि वह बिना मंत्रिसमूह से सलाह लिए कोई निर्णय ले सकते हैं।
बताया यह भी जा रहा है कि उपराज्यपाल में इस संबंध में राष्ट्रपति को अब तक की घटनाओं से अवगत करा दिया है।
गृहमंत्रालय के सूत्रों का यह भी कहना है कि केजरीवाल इस मुद्दे के जरिए केंद्र को घसीटना चाहते हैं। केंद्र सरकार फिलहाल इस मामले में बीच में पड़ना नहीं चाहती। लेकिन इसी दौर में कम से कम तीन अफ़सरों- शकुंतला गैमलिन, अनिंदो मजूमदार और राजेंद्र कुमार को लेकर दिल्ली सरकार और नजीब जंग बिल्कुल आमने-सामने आ चुके हैं। राज्य सरकार का तर्क है कि अफ़सरों की नियुक्ति का अधिकार उसका है।
अब यह साफ है कि मामला दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री के बीच ही रहेगा।
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