Nagastra-1 : भारतीय सेना को नागास्त्र-1 नामक आत्मघाती ड्रोन का पहला बैच प्राप्त हुआ है. यह मैन-पोर्टेबल है मतलब इसे कोई भी जवान खुद ही उठाकर कहीं भी ले जा सकता है. यह ड्रोन दुश्मन के प्रशिक्षण शिविरों, लॉन्च पैड और घुसपैठियों पर सटीक हमला करने में सक्षम हैं. यह हाई-टेक ड्रोन पूरी तरह से भारत में नागपुर की कंपनी इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव्स लिमिटेड (ईईएल) द्वारा डिजाइन और विकसित किए गए हैं. यह सोलर इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी है. एक रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन में 75 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री है. इन ड्रोनों के शामिल होने से आवश्यकता पड़ने पर सीमा पार हमलों को अंजाम देने की भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि होगी. अंतर्निर्मित वारहेड वाले नागास्त्र-1 जैसे ड्रोन को कामिकेज या विस्फोट करने वाले ड्रोन के रूप में जाना जाता है.
रक्षा अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सेना ने ईईएल को 480 ऐसे ड्रोन का ऑर्डर दिया था, जिनमें से 120 नागास्त्र-1 को सेना के गोला-बारूद डिपो को सौंप दिया गया है. नागास्त्र -1 का वजन 9 किलोग्राम है. यह 30 मिनट तक उड़ान भर सकता है. मैन-इन-लूप रेंज 15 किमी और स्वायत्त मोड रेंज 30 किमी है. रक्षा अधिकारियों के अनुसार, मैन-पोर्टेबल फिक्स्ड-विंग इलेक्ट्रिक यूएवी में इलेक्ट्रिक प्रपल्सन सिस्टम 200 मीटर से अधिक है. इसके चलते दुश्मन देशों के रडार में नहीं आ पाता.
The first indigenous Loitering Munition, Nagastra–1, developed by Solar Industries, Nagpur, has been delivered to the Indian Army. The Indian Army has placed an order to Solar Induatries' Economics Explosives Ltd (EEL) to supply 480 Loiter Munitions under Emergency Procurement… pic.twitter.com/ClHofB7EOE
— ANI (@ANI) June 14, 2024
यह 15 किमी की दूरी तक 1 किलो का हथियार ले जा सकती है. इसका उन्नत संस्करण 30 किमी तक 2.2 किलोग्राम का हथियार ले जाने में सक्षम है. यदि किसी लक्ष्य का पता नहीं चल पाता है या मिशन रद्द हो जाता है, तो आत्मघाती ड्रोन को वापस बुलाया जा सकता है और पैराशूट रिकवरी तंत्र के साथ सॉफ्ट लैंडिंग की जा सकती है, जिससे उन्हें कई बार पुन: उपयोग किया जा सकता है.
#WATCH | The first indigenous Loitering Munition, Nagastra–1, developed by Solar Industries, Nagpur, has been delivered to the Indian Army
— ANI (@ANI) June 14, 2024
Nagastra -1, in a 'kamikaze mode' can neutralize any hostile threat with GPS-enabled precision strike with an accuracy of 2m. The… pic.twitter.com/kWeehBMGvW
इस ड्रोन को पहली बार अप्रैल 2023 में मानेकशॉ सेंटर में दिखाया गया था. नागास्त्र-1 जैसे ड्रोन एक प्रकार के घूमने वाले हथियार हैं, जिसमें हवाई हथियार को एक अंतर्निर्मित वारहेड के साथ डिजाइन किया गया है. यह आम तौर पर एक क्षेत्र के चारों ओर घूमने के लिए डिजाइन किया गया है, जब तक कि कोई लक्ष्य तय न हो और फिर लक्ष्य पर दुर्घटनाग्रस्त होकर हमला करता है. जो चीज इस ड्रोन को स्पेशल बनाती है वह यह है कि ये लक्ष्य पर तेज प्रतिक्रिया करने में सक्षम होते हैं. इससे इसे चलाने वाले को लक्ष्य तय करने में अधिक समय मिलता है. जरूरत पड़ने पर इसमें हमले को उड़ान के बीच में बदला जा सकता है या निरस्त किया जा सकता है.
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