मोदी सरनेम वाले मानहानि केस (Modi Surname Defamation case) में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को मिली सजा पर सुप्रीम कोर्ट स्टे लगा दिया है. अदालत ने कहा कि जब तक राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं होती, तब तक मानहानि केस में दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगी रहेगी. अदालत के फैसले के बाद राहुल गांधी का रिएक्शन आया है. राहुल गांधी ने कहा, "चाहे कुछ भी हो, मेरा कर्तव्य वही रहेगा. भारत के विचार की रक्षा करना."
मानहानि केस में राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तीन मुख्य बातें कही. अदालत ने कहा, "हम जानना चाहते हैं कि ट्रायल कोर्ट ने अधिकतम सजा क्यों दी? जज को फैसले में ये बात बतानी चाहिए थी. अगर जज ने 1 साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी को डिसक्वालिफाई नहीं किया जाता. अधिकतम सजा के चलते एक लोकसभा सीट बिना सांसद के रह जाएगी. यह सिर्फ एक व्यक्ति के अधिकार का ही मामला नहीं है, ये उस सीट के वोटर्स के अधिकार से भी जुड़ा मसला है."
Come what may, my duty remains the same.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 4, 2023
Protect the idea of India.
नेताओं को बोलते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए
शीर्ष अदालत ने कहा, "इस बात में कोई शक नहीं कि भाषण में जो भी कहा गया, वह अच्छा नहीं था. नेताओं को जनता के बीच बोलते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए. यह राहुल गांधी का कर्तव्य बनता है कि इसका ध्यान रखें.
राहुल ने कब दिया था बयान
बता दें कि राहुल गांधी ने 11 अप्रैल 2019 में बेंगलुरु के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित करने के दौरान मोदी सरनेम को लेकर एक बयान दिया था. इसके बाद बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी. सूरत सेशन कोर्ट में चार साल तक केस चला.
सूरत अदालत ने 23 मार्च को दिया फैसला
कोर्ट ने इस साल 23 मार्च को फैसला दिया. मानहानि केस में राहुल को अधिकतम दो साल की सजा मिली, सजा मिलने के अगले दिन 24 मार्च को राहुल गांधी की सांसदी चली गई. कुछ दिनों बाद उन्हें सरकारी आवास भी खाली करना पड़ा.
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