- NIA ने दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट मामले में जम्मू कश्मीर निवासी डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई को गिरफ्तार किया है.
- ब्लास्ट को अंजाम देने वाले डॉक्टर उमर ने चाइनीज भाषा में एक ग्रुप बनाया था, जिसमें आतंकी बातचीत करते थे.
- विस्फोटक में नेल पॉलिश रिमूवर और पिसी चीनी का भी इस्तेमाल हुआ था. यह एक हॉफ प्रीप्रेयर IED टाइमर डिवाइस था.
दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन ब्लास्ट मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है. एनआईए ने इस मामले में जम्मू कश्मीर निवासी डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनई को गिरफ्तार किया है. वह आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है. पूछताछ में डॉक्टर मुजम्मिल ने कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं. उसने बताया है कि ब्लास्ट को अंजाम देने वाला डॉक्टर उमर खुद को EMIR (आमीर) कहलाना पसंद करता था. डॉक्टर मुजम्मिल का कहना है कि उमर को कुल छह भाषाएं आती थीं.इस आतंकी साजिश में शामिल आतंकियों से बातचीत के लिए उमर ने एक ग्रुप बनाया था. उसने यह ग्रुप चाइनीज भाषा में बनाया था.ग्रुप का नाम भी चाइनीज भाषा में था.डॉक्टर मुजम्मिल ने यह भी बताया कि उसने और डॉक्टर शाहीन ने 2023 में कोर्ट मैरिज कर ली थी. यह डॉक्टर शाहीन की तीसरी शादी थी.
कैसे बना था विस्फोटक
जांच एजेंसियों के मुताबिक लाल किला ब्लास्ट को हॉफ प्रीप्रेयर IED टाइमर मैकेनिज्म डिवाइस से अंजाम दिया गया था. इसे बनाने में ACETONE यानी नेल पॉलिश रिमूवर का भी इस्तेमाल किया गया था.इसमें पिसी हुई चीनी का भी इस्तेमाल किया गया था.
एजेंसियों की जांच में पता चला कि बॉम्बर डॉक्टर उमर उन नबी ने देश में अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने की साजिश का तानाबाना बुना था. जुलाई 2023 में मेवात के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा और मार्च 2023 में भिवानी में हुआ नासिर जुनैद हत्याकांड ने उसे साजिश को रचने के लिए प्रेरित किया.
पूछताछ में जांच एजेंसियों से डॉक्टर मुजम्मिल और डॉक्टर शाहीन ने कई और सनसनीखेज खुलासे किए हैं.दोनों ने बताया है कि डॉक्टर उमर खुद को EMIR या आमीर कहलाना पसंद करता था. आमीर का मतलब होता है, कोई राजकुमार, सेनापति या शासक.दोनों ने बताया है कि उमर खुद को एक शासक एक राजकुमार मानता था और हमले दीन (धर्म) की बातें करता था. दोनों बताया है कि उमर अपने से अधिक पढ़ा-लिखा और काबिल किसी और को नहीं मानता था. उमर नौ से अधिक भाषाएं जानता था. इनमें हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, पर्सियन (फारसी), अरबी,चाइनीज (मंदेरियन) औक फ्रेंच शामिल हैं.
डॉक्टर उमर की हैसियत और तजुर्बा
डॉक्टर मुजम्मिल के मुताबिक उमर की हैसियत और तजुर्बे के सामने वो खुद को एक मजदूर समझता था.मुजम्मिल के मुताबिक उमर इतना ज्यादा पढ़ा लिखा और तेज दिमाग वाला था कि उसमें एक न्यूक्लियर साइंटिस्ट बनने की झमता थी.उसने बताया है कि हमेशा दीन की बातें करने वाले डॉक्टर उमर में लीडरशिप क्वालिटी थी, वह हम सब को कंट्रोल में रखता था. डॉक्टर मुजम्मिल ने बताया है कि उमर की बातों को वे काट नहीं पाते थे, उसकी बातों में फैक्ट्स और रिसर्च होती थी.उसने बताया है कि उमर बहुत ज्यादा बातें तो नहीं करता था लेकिन हमेशा यह जरूर कहता था कि यह दीन का काम है और यह सवाल मुनासिब नहीं है.
डॉक्टर मुजम्मिल ने बताया है कि उमर ने मुझसे, डॉक्टर अदील, डॉक्टर शाहीन और मुफ्ती इरफान से हमेशा कहता था कि देश का माहौल खराब है, पोलराइजेशन हो चुका है, जेनोसाइट हो सकता है, इसलिए हम को तैयार रहना चाहिए. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटने के बाद से ही उसके दिलो-दिमाग में जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों के लिए बहुत ज्यादा नफरत थी.
डॉक्टर शाहीना से कहां मिला डॉक्टर मुजम्मिल
डॉक्टर मुजम्मिल ने बताया है कि उसकी डॉक्टर शाहीन से मुलाकात अलफला यूनिवर्सिटी में हुई थी. उसने बताया है कि शाहीन मुझसे उम्र में काफी बड़ी थीं और उसकी सेलरी भी मुझसे ज्यादा थी, इसके बाद भी मैं उससे शादी करना चाहता था. उसने बताया है कि 2023 में उसने डॉक्टर शाहीन से लीगल तरीके से शादी कर ली थी.डॉक्टर मुजम्मिल के मुताबिक शाहीन का पहला पति मुंबई रहता था और दूसरा पति गाजियाबाद में एक कपड़े की दुकान चलाता है और वह उसका तीसरा पति है. डॉक्टर शाहीन सउदी अरब में भी रह कर आई है. वह वहां भी असिस्टेंट प्रोफेसर थी. डॉक्टर मुजम्मिल ने बताया है कि आतंकी माड्यूल के लिए डॉक्टर शाहीन ने अपने बैंक खाते से करीब 25 लाख रुपये हम सबको दिए थे.
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